Hindi, asked by socutegirl, 7 months ago

पत्र लेखन क्या होते हैं और उसके नियम और उसकी विशेषताएं क्या होती है​

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Answered by cheffishg3094
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Explanation:

पत्र लेखन एक रोचक कला है. अभिव्यक्ति के समस्त लिखित साधनों में पत्र आज भी सबसे प्रमुख, शक्तिशाली, प्रभावपूर्ण और मनोरम स्थान रखता हैं. पत्र-लेखन में आत्मीयता स्पष्ट दिखाई देती चाहिए जिससे लेखक तथा पाठक दोनों समीपता का अनुभव करते हैं. लिखित भाषा का उद्देश्य सबसे अधिक पत्र लेखन द्वारा ही प्राप्त होता है. पत्र लेखन द्वारा हम दूसरों के दिलों को जीत सकते हैं, मैत्री बड़ा सकते हैं और मंत्रमुग्ध कर सकते हैं. अतः पत्र लेखन एक ऐसी कला हैं जिसके लिए बुद्धि और ज्ञान की परिपक्वता, विचारों की विशालता, विषय का ज्ञान, अभिव्यक्ति की शक्ति और भाषा पर नियंत्रण की आवश्यकता होती हैं.

पत्र की विशेषताएँ

सरलता

पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट तथा स्वभाविक होनी चाहिए. इसमें कठिन शब्द या साहित्यिक भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि भाषा की जटिलता पत्र को नीरस बना देती हैं.

स्पष्टता

पत्र की भाषा में स्पष्टता होनी चाहिए. स्पष्ट करता मधुर भाषा वाला पत्र प्रभावी होता है. शब्दों का चयन, वाक्य रचना की सरलता पत्र को प्रभावशाली बनाती है.

संक्षिप्तता

पत्र की भाषा में संक्षिप्तता होनी चाहिए. उसमें अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए. संक्षिप्तता का अर्थ है पत्र अपने आप में पूर्ण हो. व्यर्थ के शब्द जाल से मुक्त होना चाहिए.

आकर्षकता तथा मौलिकता

पत्र आकर्षक एवं सुंदर होना चाहिए. कार्यालयी पत्रों को स्वच्छता के साथ टाइप किया जाए. पत्र की भाषा में मौलिकता होनी चाहिए. पत्र में अपना वर्णन, क्रम प्राप्त करने वाले का अधिक वर्णन होना चाहिए.

उद्देश्यपूर्णता

प्रत्येक पत्र अपने कथन में स्वतः संपूर्ण होना चाहिए. पत्र पढ़ने के बाद किसी प्रकार की जिज्ञासा शेष नहीं रहना चाहिए. पत्र का कथ्य अपने आप में पूर्ण तथा उद्देश्य की पूर्ति करने वाला हो.

शिष्टता

सरकारी, व्यवसायिक तथा अन्य औपचारिक पत्र की भाषा शैली शिष्टता पूर्ण होनी चाहिए. अस्वीकृति, शिकायत, खीझ और नाराजगी भी शिष्ट भाषा में ही प्रकट की जाए तो उसका अधिक प्रभाव पड़ता है.

चिन्हांकन

पत्र में प्रयुक्त चिन्ह पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए. चिन्ह से अंकित अनुच्छेद का प्रयोग करना चाहिए. प्रत्येक नए विचार, नई बात के लिए पैराग्राफ, अल्पविराम, अर्धविराम, पूर्ण विराम, कोष्ठक आदि का प्रयोग उचित स्थल पर ही होना चाहिए.

पत्र का महत्व

आज के अति व्यस्त युग में पत्र लेखन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. आज के युग में मानव को अनेक व्यक्तियों, संबंधियों, कार्यालय से संपर्क साधना पड़ता है. प्रत्येक स्थान पर वह स्वयं तो नहीं जा सकता लेकिन उसे पत्र का सहारा लेना पड़ता है. सुरक्षा की दृष्टि से पत्र बहुत ही उत्तम है.

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