पत्र लेखन में सुलेख का अपना महत्व है। स्पष्ट कीजिए।
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डॉक्टरी पर्चे में सुलेख के संदर्भ में यही कहना समीचीन लगता है कि सुलेख हमारे आंतरिक विचारों के प्रतिबिंब होते हैं। यदि हम अंदर से सशक्त होंगे, तो हमारे विचारों में उसका सौंदर्य झलकेगा। वहीं, सौंदर्य कलम से कागज पर सुलेख के रूप में उतरेगा, जिससे हमारे व्यक्तित्व की पहचान होगी। जल्दबाजी में लिखे गए शब्द जहां आपके अंतर्मन की कुंठा और आक्रोश के परिचायक हैं, वहीं इनमें आपकी लापरवाही भी प्रदर्शित होती है। जहां तक डॉक्टरों के सुलेख की बात है, तो उनके लिखे हुए शब्द मरीज को जीवन-दान देते हैं और सही तरीके से न समझ पाने पर मौत भी। इसलिए समाज में प्रतिष्ठित पदों पर सुशोभित व्यक्तियों से अपनी हैंड राइटिंग में सुधार अपेक्षित है। बड़े व्यक्ति तो अपनी राइटिंग में कम ही सुधार कर पाएंगे, लेकिन वर्तमान परिवेश में बच्चे पेंसिल और बॉल पेन से कॉपी पर सुलेख लिख सकते हैं। शिक्षक और अभिभावक इस बारे में गंभीरता से सोचें।
शशिप्रभा शर्मा, पन्नापुरी, हापुड़, उत्तर प्रदेश
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पत्र लेखन में सुलेख का अपना महत्व है।
पत्र लेखन का अर्थ है अपना संदेश किसी दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाना| सरकारी कामों में या निजी कामों में पत्रों का बहुत महत्व है| गाँव में लोग संदेश भेजने के लिए आज भी पत्र भेजते है| आधुनिक संचार साधनों के कारण शहरों में इसका महत्व कम हो गया है| व्यापारिक काम अभी डाक के द्वारा पत्रों में होता है|
पत्र को लिखते समय में सुलेख का बहुत महत्व है| पत्र को लिखते समय सफाई विशेष ध्यान रखना चाहिए| अक्षर साफ-सुथरे होने चाहिए| भाषा का सही प्रयोग होना चाहिए| पत्र में सुलेख ऐसा होना चाहिए सामने वाला पत्र को आसानी से पढ़ सके और उसे उस पत्र में लिख संदेश का मतलब समझ आ जाए| पत्र लिखते समय लिखाई का ध्यान रखना चाहिए| सुन्दर-सुन्दर अक्षरों में लिखना चाहिए| पत्र को अच्छे कागज में लिखना चाहिए| पत्र में नाम , तिथि , पता आदि सब लिखते सब का ध्यान रखना चाहिए|
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