पत्र में शादी में सम्मिलित न होने का क्या कारण लिखा था?
किया?
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पत्र में शादी में सम्मिलित न होने का क्या कारण लिखा था?
किया?
शादी की पार्टी में ना आएं. कोरोना वायरस के ख़तरे से बचने के लिए मेरी बेटी की शादी में शरीक न हों. हमने इस आयोजन को साधारण रखने का फ़ैसला लिया है. हमने रिसेप्शन कैंसिल कर दिया है. इसलिए ख़ुद को जोख़िम में डालकर शादी में आने की ज़रूरत नहीं है."
यह संदेश उस पिता का है जिसने अपनी बेटी की शादी में पहले अपने मेहमानों को आमंत्रित किया था.
कोल्हापुर के रहने वाले संजय शेलार की बेटी की शादी 18 मार्च को थी.
उन्होंने बीबीसी मराठी को बताया, "हम दोनों ही लड़के और लड़की वालों ने मिलकर तीन हज़ार के क़रीब आमंत्रण पत्र बांटे थे. हमने सब को ज़ोर देकर कहा था कि वे शादी में ज़रूर आएं लेकिन अब सरकार ने आदेश जारी किया है कि लोग कहीं भी बड़ी संख्या में न इकट्ठा हों. इसलिए हमने सबकी भलाई को देखते हुए सारे आयोजन स्थगित करने का फ़ैसला लिया है. उम्मीद करता हूं कि ऐसे हालात का सामना किसी और को न करना पड़े."
किसी भी दूल्हे-दुल्हन के लिए शादी एक ख़ास आयोजन होता है. वैसे ही ऋतुजा और किरण भी अपनी शादी को लेकर ख़ासा उत्साहित थे.