पत्रलेखनम
रमेशेन समयस्य सदुपयोगाय अठलाय लिचित्पन श्वं पत्रं पाया
दलैः पदैः पूरयत.
दिनाङ्कः
प्रिय !
w)
अत्र कुशलं तत्रा । अतूला मानवजीवनस्य प्रतिपलं
अस्ति। विश्वे प्रकृतेः सम्पूर्णानि कार्याणि नियमितसमये जा
वाल्यकाले यदि कंत्रान पति तदा असो समस्तजीवने UM
गते. फाले शोका ) समयः कदापिकस्यचिदपिल
करोति । अतः समयस्य सदुपयोग करनीयः
मजूघाटन (प्रतीक्षां, अस्तु यिल्लीनगरतः आशीष नाम
निरर्थका, पश्चात्तापम् अतुल, भवन्ति)
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पत्र लिखना
रामसेन को बहुत समय और पैसा मिला
दलाः पदैः पूर्वाति।
दिनांक:
प्रिय!
डब्ल्यू)
अत्र कुशलाम् तत्र। अतुला मानव जीवन में लौट आया
एस्टी। विश्व प्रकृति: पूरी तरह से नियमित रूप से काम करने के लिए जाना
यदि बच्चा एक अनुबंधित पति है तो सारी जिंदगी यूएम होगी
बिता कल। फेले शोका) समय: कडापिकासीचिडपिल
Karoti। इसलिए समय सार का है
मजूघटन (प्रतीक्षा, अस्तु यिलीनगर: आशीष नाम)
निर्थका, पास्कतापम अतुल, भवंती)
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