patang namak kavita ka kendriy bhav kya hai
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Answer:कविता पतंग को कवि आलोक धन्वा ने लिखा था। वे सातवें-आठवें दशक के प्रसिद्ध हिंदी कवि हैं। उनका जन्म 1948 में बिहार के मुंगेर जिले में हुआ था। उनकी साहित्यिक सेवा के कारण, उन्हें राहुल सम्मान मिला। बिहार राष्ट्र परिषद ने उन्हें साहित्य सम्मान से सम्मानित किया। उनकी कविता में भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया है। वे बाल मनोविज्ञान को अच्छी तरह से समझते हैं। Child पतंग ’कविता बालसुलभ इच्छाओं का एक सुंदर चित्रण है।
श्री आलोक धन्वा द्वारा रचित बिम्बात्मक सौन्दर्य से परिपूर्ण कविता "पतंग " में कवि ने पतंग उड़ाते बच्चों का उत्साह,कोमलता, और निश्छल क्रियाकलाप उजागर किया है | कवि कहते है कि भादों की वर्षा के बादल की विदाई के साथ शरद ऋतु की खरगोश जैसी आँखों की लालिमा वातावरण में घुल गयी है | इस सुहानी ऋतु में आकाश में रंगीन पतंगें उडनें लगी जो बच्चों के झुंड सीटियाँ और किलकारियाँ भर-भर कर उड़ा रहे है |
बच्चें कठोर छतों पर निर्भीक होकर कूदते है ,बेसुध होकर दौड़ते है मानो समूची पृथ्वी पर घूम आना चाहते है | उनके लचीले शरीर पेंग भरते हुए - से चलायमान होते है | पतंग की ऊपर - ऊपर जाती हुई उनकी धड़कने उन्हें गिरने से रोके रहती है | जब बच्चें गिरकर भी बच जाते है तो वे निडर हो जाते है उनका आत्मविश्वास बढ जाता है और वे किसी भी विपत्ति से टकराने और उसका सामना करने हेतु तैयार हो जाते है | यही कविता का केंद्रीय भाव भी है अर्थात विपरीत परिस्थितियां ही हमें सशक्त बनाती है |
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