Hindi, asked by manishdudi7995, 1 year ago

पथ की पहचान कविता का भावार्थ - हरिवंशराय बच्चन

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Answered by Anonymous
142

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Explanation:

पथ की पहचान कविता में कवि ने मनुष्य को जीवन पथ पर आगे बढ़ने से पहले सावधान किया है कि यात्रा आरंभ करने से पहले मनुष्य को अपने लक्ष्य व मार्ग का निर्धारण कर लेना चाहिए। इस लक्ष्य का निर्धारण हमें स्वयं ही करना पड़ता है। यह कहानी पुस्तकों में नहीं छपी होती। जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने भी अपने लक्ष्य का निर्धारण स्वयं ही किया था। कवि ने पथिक को अच्छे -बुरे की शंका किए बिना आस्था के साथ अपने मार्ग पर चलने को कहा है, जिससे लक्ष्य तक पहुँचने की यात्रा सरल हो जाएगी। यदि हम अपने मन में यह सोच लें कि यही मार्ग सही एवं सरल है तो हम लक्ष्य की प्राप्ति आसानी से कर सकते हैं। जितने भी महापुरुषों ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति की है, वे मार्ग की कठिनाइयों से नहीं घबराए और अपने मार्ग पर निरंतर बढ़ते रहे। उचित मार्ग की पहचान से ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। जीवन के मार्ग में कब कठिनाइयाँ आएँगी और कब सुख मिलेगा, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। अर्थात् यह सब अनिश्चित है कि कब कोई हमसे बिछड़ जाएगा और कब हमें कोई मिलेगा, कब हमारी जीवन यात्रा समाप्त हो जाएगी। कवि मनुष्य को हर विपत्ति से सामना करने का प्रण लेने की प्रेरणा देते हैं। कल्पना करना मनुष्य का स्वभाव है। कवि के अनुसार जीवन के सुनहरे सपने देखना गलत बात नहीं है। अपनी आयु के अनुरूप सभी कल्पना करते हैं। परंतु इस संसार में कल्पनाएँ बहुत कम और यथार्थ बहुत अधिक हैं। इसलिए तू कल्पनाओं के स्वप्न में न डूब, वरन् जीवन की वास्तविकताओं को देख। जब मनुष्य स्वर्ग के सुखों की कल्पना करता है तो उसकी आँखों में प्रसन्नता भर जाती है। पैरों में पंख लग जाते हैं और हृदय उन सुखों को पाने को लालायित हो जाता है परंतु जब यथार्थ (सत्य) सामने आता है तो मनुष्य निराश हो जाता है।

हमारे आँखों में भले ही स्वर्ग के सुखों के सपने हो परंतु हमारे पैर धरातल पर ही जमे होने चाहिए। राह के काँटे हमें जीवन मार्ग की कठिनाइयों का संदेश देते हैं। इसलिए इन कष्टों से लड़ने के लिए सोच-विचारकर ही कार्य करो और एक बार आगे बढ़ने पर विघ्न-बाधाओं से मत घबराओ।

Answered by Priatouri
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पथ की पहचान कविता का भावार्थ |

Explanation:

  • पथ की पहचान कविता में कवि मनुष्य को अपने जीवन पथ पर आगे बढ़ने से पहले सावधान करते हैं कि कभी भी अपने जीवन पथ पर बढ़ने से पहले हमें अपने लक्ष्य और मार्ग का निर्धारण कर लेना चाहिए।
  • कवि के अनुसार इन लक्ष्यों का निर्धारण हमें स्वयं ही करना पड़ता है।
  • यह कहानी हमारी किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं पाई जाती है।
  • कवि ने मनुष्य को अच्छे बुरे की शंका किए बिना अपने पथ पर चलने के लिए कहा है।
  • कवि का मानना है ऐसा करने से लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग सरल हो जाता है।

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Summary of poem path ki pehchan

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