'पद' कविता के कवि का नाम क्या है।(class 11)
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सूरदास का समस्त काव्य-व्यक्तित्व पद शैली से ही निर्मित है। "सूरसागर" का सम्पूर्ण कवित्वपूर्ण और सजीव भाग पदों में है। परमानन्ददास, नन्ददास, कृष्णदास, मीराबाई, भारतेंदु हरिश्चंद्र आदि के पदों में सूर की मार्मिकता मिलती है। तुलसीदास जी ने भी अपनी कूछ रचनाएँ पदशैली में की हैं।
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प्रस्तुत पद कवि सूरदास जी के द्वारा रचित है। इसमें कवि कहते हैं कि कान्हा गोपियों से खेल में हारने के बाद भी हार स्वीकार नहीं करता है।
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'पद' कविता के कवि का नाम क्या है
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'पद' कविता
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प्रस्तुत पद कवि सूरदास जी के द्वारा रचित है। इसमें कवि कहते हैं कि कान्हा गोपियों से खेल में हारने के बाद भी हार स्वीकार नहीं करता है।
सूरदास जी कहते हैं, प्रभु तो खेलना चाहते हैं इसलिए उन्होंने नँदबाबा की शपथ ली और कभी ना रूठने की कसम खाकर दाव मित्रों को दे दिया।
सूरदास का जन्म 1478 ई. में सीही नामक ग्राम में हुआ था, लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि सूरदास का जन्म मार्ग पर स्थित रुनकता नामक ग्राम में हुआ था, सूरदास का जन्म निर्धन सारस्वत ब्राह्मण पं० रामदास के यहाँ हुआ था। सूरदास के पिता गायक थे। सूरदास के माता का नाम जमुनादास था।
सूरदास ने तीन कृतियों का ही सृजन किया था, वे हैं- (1) सूरसागर, (2) सूर सारावली, (3) साहित्य लहरी ।
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