Hindi, asked by yuvrajsingh3459, 1 year ago

पद्माकर के काव्य की काव्यगत विशेषताएँ लिखिए।​

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Answered by shishir303
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पद्माकर रीतिकाल के सर्वश्रेष्ठ कवि रहे हैं। रीतिकाल के कवि में इनको और बिहारी को बेहद सम्मानजनक स्थान प्राप्त रहा है। इनकी रचनाओं की रमणीयता इनकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण रही है। पद्माकर भट्ट एक एक तैलंग ब्राह्मण परिवार में हुआ था। यह पूर्णता पंडित और उत्कृष्ट कोटि के कवि थे और इनका अनेक राज्यों की दरबारों में अच्छा सम्मान था। यह जहां भी जाते, वहां इनको अच्छा सम्मान मिलता था।

पद्माकर जी विनोद काव्य रसिकों के लिए कंठहार के समान रहा है।  उनकी एक कृति श्रंगार रस का सार प्रतीत होती है। इनकी मधुर कल्पना ऐसी स्वाभाविक और हाव-भाव पूर्ण चित्रण करती है कि पाठक चित्रण की प्रत्यक्ष अनुभूति में डूब जाता है। ऐसी स्वभाविक मूर्ति रचना करने वाले पद्माकर एक उत्कृष्ट स्तर के कवि थे और उनके जैसा कभी कोई दूसरा नहीं हुआ। भाषा की सब प्रकार की अभिव्यक्तियों पर पद्माकर जी का अधिकार दिखाई पड़ता है। कहीं की भाषा अत्यंत कोमल मधुर पदावली से भरी हुई तो कहीं भाव और रस की धारा बहती है कहीं पर अलंकारों की झंकार आती है तो कहीं पर शांत सरोवर के समान गंभीर शैली है। एक उत्कृष्ट कवि की भाषा में जो अनेकरूपता होती है, वो पद्माकर की रचनाओं मे पायी जाती है।

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