Hindi, asked by aneekrajgupta, 5 hours ago

पद-परिचयं दीयताम

please answer in sanskrit. ​

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Answered by crankybirds30
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Answer:

शब्द – एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण – समूह शब्द कहलाते हैं ; जैसे – सोहन , खीर , मीरा , खेलता , शतरंज इत्यादि |

पद – जब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है , तब वह शब्द ‘पद’ बन जाता है |

कारक , वचन ,लिंग ,पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’ बन जाता है |

इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही ‘पद’ है |

Answered by OoINTROVERToO
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पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।

पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातें बताना आवश्यक होता है –

  • संज्ञा –तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक क्रिया के साथ संबंध।
  • सर्वनाम -सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से संबंध।
  • विशेषण -विशेषण के भेद, लिंग, वचन और उसका विशेष्य।
  • क्रिया -क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य,धातु कर्म और कर्ता का उल्लेख।
  • क्रियाविशेषण -क्रियाविशेषण का भेद तथा जिसकी विशेषता बताई जा रही है, का उल्लेख।
  • समुच्चयबोधक -भेद, जिन शब्दों या पदों को मिला रहा है, का उल्लेख।
  • संबंधबोधक -भेद, जिसके साथ संबंध बताया जा रहा है, का उल्लेख।
  • विस्मयादिबोधक -हर्ष, भाव, शोक, घृणा, विस्मय आदि किसी एक भाव का निर्देश।
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