Hindi, asked by minha7601, 1 year ago

पठित पद के आधार पर निर्गुण भक्ति की विशेषताएं बताइए?

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Answered by rahulkumarq912
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Answered by Anonymous
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Answer:

निर्गुण भक्ति की विशेषताएं

Explanation:

निर्गुण भक्ति निराकार के रूप में परमात्मा की भक्ति और पूजा है। यह शब्द संस्कृत से आता है, nir, एक उपसर्ग जिसका अर्थ है "बिना"; गुना, जिसका अर्थ है "गुण" या "गुण", और भक्ति, जिसका अर्थ है "भक्ति" या "विश्वासयोग्यता"।

कुछ विद्वान निर्गुण भक्ति को भक्ति का उच्चतम रूप बताते हैं। यह भक्ति है जिसमें व्यक्तिगत लाभ की कोई इच्छा नहीं होती है और यह तीनों गुटों - सत्व (पवित्रता, सद्भाव, अच्छाई), राजस (जुनून, चालित, अहंकारी) और तमस (नकारात्मक, विकार, सुस्ती) से प्रेरित नहीं होती है।

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