पठित पद के आधार पर निर्गुण भक्ति की विशेषताएं बताइए?
Answers
Answered by
0
House"of"ayana"customer"care"number//9875429764//6289947234//House"of"ayana"customer"care"number//9875429764//6289947234//House"of"ayana"customer"care"number//9875429764//6289947234//
Answered by
1
Answer:
निर्गुण भक्ति की विशेषताएं
Explanation:
निर्गुण भक्ति निराकार के रूप में परमात्मा की भक्ति और पूजा है। यह शब्द संस्कृत से आता है, nir, एक उपसर्ग जिसका अर्थ है "बिना"; गुना, जिसका अर्थ है "गुण" या "गुण", और भक्ति, जिसका अर्थ है "भक्ति" या "विश्वासयोग्यता"।
कुछ विद्वान निर्गुण भक्ति को भक्ति का उच्चतम रूप बताते हैं। यह भक्ति है जिसमें व्यक्तिगत लाभ की कोई इच्छा नहीं होती है और यह तीनों गुटों - सत्व (पवित्रता, सद्भाव, अच्छाई), राजस (जुनून, चालित, अहंकारी) और तमस (नकारात्मक, विकार, सुस्ती) से प्रेरित नहीं होती है।
Similar questions
Math,
7 months ago
Math,
7 months ago
English,
7 months ago
Hindi,
1 year ago
Hindi,
1 year ago
Computer Science,
1 year ago
Computer Science,
1 year ago