पद
तुतिवंदना : राग तिलंग
मण थें परस हरि रे चरण || टेक ।।
सुभग सीतल कँवल कोमल, जगत ज्वाला हरण।
जिण चरण प्रहलाद परस्याँ, इन्द्र पदवी धरण।
जिण चरण ध्रुव अटल करस्याँ, सरण असरण सरण।
जिण चरण ब्रह्माण्ड भेटयाँ, नखसिखाँ सिरी धरण।
जिण चरण कालियाँ नाथ्याँ, गोप-लीला करण।
जिण चरण गोबरधन धार्यों गरब गरब मधवा हरणा
दासि मीराँ लाल गिरधर, अगम तारण तरण।।
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hey mate Wt is u r question.............
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