पद्यांश क्र. ↓↓ This is peom para
निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें।
स्वार्थ साधना की आँधी में वसुधा का कल्याण न भूलें।
माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है.
किंतु डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है
जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसंधान न भूलें।
Give me "saral aaratha" of starting two lines, it should be for 25 to 35 words
Please guys!
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no idea sorry
Explanation:
please follow me on brainy aap
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