पद्य विश्लेषण चांदनी रात
(please follow the following points)
१)कवि का नाम
२)कविता की विधा
३)पसंदीदा पंक्ति
४)पसंदीदा होने का कारण
५)कविता से प्राप्त संदेश
Answers
पद्य विश्लेषण चांदनी रात निम्न प्रकार से किया गया है।
- १)कवि का नाम
चांदनी रात कविता के कवि का नाम
मैथिलीशरण गुप्त है।
यह कविता मैथिलीशण गुप्तजी के काव्यखंड
" पंचवटी " का एक अंश है।
- २)कविता की विधा
" चांदनी रात " कविता में कवि मैथिलीशण
गुप्तजी ने चांदनी रात के अनुपम सौंदर्य का
वर्णन किया है।
कवि ने चंद्रमा की छटा की सुंदरता से
वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है , इसका
वर्णन किया है।
- ३)पसंदीदा पंक्ति
कविता में प्रयुक्त पंक्ति
" चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही है
जल - थल में " मेरी पसंदीदा पंक्ति है।
- ४)पसंदीदा होने का कारण
यह पंक्ति मेरी पसंदीदा पंक्ति है क्योंकि मुझे
चांदनी रात अति लुभाती है, मन अति प्रसन्न हो
जाता है, पेड़ पौधे झूमने लगते है तथा वतावरण
में चारों ओर चंद्रमा अपनी छटा बिखेर देता है।
- ५)कविता से प्राप्त संदेश
" चांदनी रात " कविता से कवि मैथिलीशरण
गुप्त जी ने हमें यह संदेश दिया है कि जिस
प्रकार चंद्रमा अपनी चांदनी सभी पर बिखेरता
है , कोई भेदभाव नहीं करता उसी प्रकार हम
मनुष्यों को भी आपस में प्रेम से व्यवहार करना
चाहिए, कोई भेदभाव नहीं रखना चाहिए।