Patra ke dwara apne chote bhai ko swachata ke mahatwa ki jankari de in Hindi
Answers
अभिषेक खन्ना
नई कॉलोनी
जबलपुर
दिनांक 12.4.15
प्रिय आशीष,
सस्नेह नमस्ते,
आशा है तुम हॉस्टल में आनंद से होगे। तुम्हारी बहुत याद आती है। वहां पर अपना ध्यान रखना। अपना सामान ठीक से रखना और सफाई से रहना। प्रतिदिन स्नान करना और साफ कपड़े पहनना। भोजन खाने से पहले अपने हाथों को अवश्य धोना। खेलने के बाद अपने हाथ पैर धोना।
सफाई से रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। गंदगी से रहने से अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। सफाई से रहने से हमारा मन भी खुश रहता है। इसलिए स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है।
एक साफ कपड़े पहनने और सफाई से रहने वाले व्यक्ति को समाज में आदर मिलता है। सफाई से रहने वाले व्यक्ति को गुणवान समझा जाता है। एक व्यक्ति के पहनने ओढ़ने और रहन सहन को देखकर उसके चरित्र के बारे में बताया जा सकता है।
गंदगी से रहने वाले व्यक्ति का चरित्र भी अनियमित होगा, ऐसा अधिकतर माना जाता है। सफाई से रहने वाला व्यक्ति भगवान में आस्था रखता है और धार्मिक समझा जाता है। सभी धर्म पूजा करने से पहले शरीर, मन और पूजा के स्थान को शुद्ध करने की बात पर जोर देते हैं। शुद्धता देवभक्ति का अंग है। इसलिए भगवान के करीब जाने के लिए सफाई सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
एक स्वच्छ शरीर में स्वच्छ मन होता है। सफाई से रहने वाले व्यक्ति के मन में अच्छे और सार्थक विचार उत्पन्न होते हैं। उसकी सोच सकारात्मक होती है। शुद्धता और निर्मलता धार्मिकता के लिए आवश्यक हैं। इसलिए स्वच्छता को देवभक्ति का पहला पग माना जाता है।
आशा है तुम सफाई के महत्व को समझोगे और सफाई से रहोगे।
प्यार सहित
तुम्हारा भाई
अभिषेक