पड़ने दो, बैल का जन्म लिया है, तो मार से कहाँ तक बचेंगे। '-कथन से हीरा-मोती के जीवन की किस व्यथा का पता चलता ह
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पड़ने दो, बैल का जन्म लिया है, तो मार से कहाँ तक बचेंगे। '-कथन से हीरा-मोती के जीवन की किस व्यथा का पता चलता है...
✎... इस कथन से हीरा मोती के जीवन की इस व्यथा का पता चलता है कि पशु हमेशा प्रताड़ित होने के लिए ही जन्म लेता है। पशुओं के साथ अधिकतर लोग क्रूरता का ही व्यवहार करते हैं। हीरा मोती यह कहना चाह रहे हैं कि उन्होंने बेल के रूप में जन्म लिया है तो उनकी मानवों द्वारा किये गये क्रूर व्यवहार से नही बच सकते। उनकी नियति है, यही उनका भाग्य है।
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न —▼
1- हीरा-मोती ने सााँड का मुकाबला कैसे किया?
2- मोती के पकडे जाने पर हीरा क्या सोचकर रुक गया?
3- हीरा-मोती के वार्तालाप को संवाद रुप में लिखिए।
https://brainly.in/question/16384588
हीरा और मोती के स्वभाव में क्या अन्तर था?
https://brainly.in/question/10559690
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