Hindi, asked by aadhil207, 1 month ago

. पढ़ें, डायरी लिखें।
वह तय करता है कि वह अपनी चिट्ठी सीधे अपने हमनाम डॉ कलाम को
दिल्ली जाकर खुद देगा। और वह अकेला ही निकल पड़ता है। रास्ते में
मुश्किलें हैं। लेकिन कथा के अंत में कलाम को अपनी मंजिल मिलती है।​

Answers

Answered by professionalmachete9
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वह इश्क नहीं जो सामने मिलकर हो जाए, वह असली इश्क नहीं जो सामने मिलकर हो जाए, असली इश्क वह है जो आधार कार्ड की फोटो देखकर हो जाए। धन्यवाद।

वह इश्क नहीं जो सामने मिलकर हो जाए, वह असली इश्क नहीं जो सामने मिलकर हो जाए, असली इश्क वह है जो आधार कार्ड की फोटो देखकर हो जाए। धन्यवाद। Explanation:

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