PCl₅ अणु में संकरण का वर्णन कीजिए। इसमें अक्षीय आबंध विषुवतीय आबंधों की अपेक्षा अधिक लंबे क्यों होते हैं?
Answers
Answer:
- ngghfhfjfiggxgmznkkisdydkykg
- hdlorluruproyeywtwwtjwkgdkgskhdkk
- dkydluflhdmgskhdkgdtsjtwtwrwwrqrqhsnv
- xxgkdkyskgsgjwiiyeoyuraisjfsgmzmvzmgz
- dhehekkkgdkysktsjsngssnvzkjtayrqhrat
PCl₅ अणु में संकरण होता है | अक्षिए-आबंध युग्म ,भूमध्यरेखीय आबंध युग्म की तुलना मे ज़्यादा प्रतिकर्षण झेलता है , इसलिए अक्षिए-आबंध ,भूमध्यरेखीय आबंध से ज़्यादा बड़ा होता है |
Explanation:
फॉस्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नतम आवस्था तथा उत्तेजित आवस्था मे ;
निम्नतम आवस्था :- चित्र (क) मे दर्शाया गया है |
उत्तेजित आवस्था :- चित्र (ख) मे दर्शाया गया है |
फॉस्फोरस परमाणु का उत्तेजित अवस्था मे संकरण होता है | यह जो फॉस्फोरस मे आधे-भरे हुए कक्षक है उसे क्लोरिन परमाणु के आधे भरे हुए कक्षको से अक़टिव्यापन करके भरा जाता है , जैसे चित्र (ग) मे देखया गया है |
यहा पाँच संकर कक्षक त्रिकोनिये द्वीपीरामिड के पाँच कोण निर्देशित होता है | इसलिए , की ज्यमिति को चित्र (घ) मे दर्शाया गे है ;
चित्र (घ) मे दिए की ज्यमिति मे , पाँच सिग्मा आबंध है , जिससे 3 आबंध एक समतल पर होता है , और एक दूसरे के साथ का कोण बनाता है , जबकि शेष 2 आबंध भूमध्यरेखीय समतल के उपर तथा नीचे उपस्थित होते है और एक-दूसरे के साथ का कोण बनाता है , इस आबंध को अक्षिए-आबंध कहते है |
अतः अक्षिए-आबंध युग्म ,भूमध्यरेखीय आबंध युग्म की तुलना मे ज़्यादा प्रतिकर्षण झेलता है , इसलिए अक्षिए-आबंध ,भूमध्यरेखीय आबंध से ज़्यादा बड़ा होता है |