Chemistry, asked by zano9435, 10 months ago

PCl₅ अणु में संकरण का वर्णन कीजिए। इसमें अक्षीय आबंध विषुवतीय आबंधों की अपेक्षा अधिक लंबे क्यों होते हैं?

Answers

Answered by adwaithbiju33
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Answer:

  1. ngghfhfjfiggxgmznkkisdydkykg
  2. hdlorluruproyeywtwwtjwkgdkgskhdkk
  3. dkydluflhdmgskhdkgdtsjtwtwrwwrqrqhsnv
  4. xxgkdkyskgsgjwiiyeoyuraisjfsgmzmvzmgz
  5. dhehekkkgdkysktsjsngssnvzkjtayrqhrat
Answered by ankugraveiens
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PCl₅ अणु में sp^3d संकरण होता है | अक्षिए-आबंध युग्म ,भूमध्यरेखीय आबंध युग्म की तुलना मे ज़्यादा प्रतिकर्षण झेलता है , इसलिए अक्षिए-आबंध ,भूमध्यरेखीय आबंध से ज़्यादा बड़ा होता है |

Explanation:

फॉस्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नतम आवस्था तथा उत्तेजित आवस्था मे ;

निम्नतम आवस्था :- चित्र (क) मे दर्शाया गया  है |

उत्तेजित आवस्था :-  चित्र (ख) मे दर्शाया गया  है |

फॉस्फोरस परमाणु का उत्तेजित अवस्था मे संकरण sp^3d होता है | यह जो फॉस्फोरस मे आधे-भरे हुए कक्षक है उसे क्लोरिन परमाणु के आधे भरे हुए कक्षको से अक़टिव्यापन करके भरा जाता है , जैसे चित्र (ग) मे देखया गया है |

यहाsp^3d  पाँच  संकर कक्षक त्रिकोनिये द्वीपीरामिड के पाँच कोण निर्देशित होता है | इसलिए , PCl_5 की ज्यमिति को चित्र (घ) मे दर्शाया गे है ;

 चित्र (घ) मे दिए की ज्यमिति मे , पाँच P-Cl  सिग्मा आबंध है , जिससे 3 P-Cl  आबंध एक समतल पर होता है , और एक दूसरे के साथ 120^\circ का कोण बनाता है  , जबकि शेष 2 P-Cl आबंध भूमध्यरेखीय समतल के उपर तथा नीचे उपस्थित होते है और एक-दूसरे के साथ 90^\circ का कोण बनाता है , इस आबंध को अक्षिए-आबंध कहते है  |

अतः अक्षिए-आबंध युग्म ,भूमध्यरेखीय आबंध युग्म की तुलना मे ज़्यादा प्रतिकर्षण झेलता है , इसलिए अक्षिए-आबंध ,भूमध्यरेखीय आबंध से ज़्यादा बड़ा होता है |

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