Hindi, asked by TheRiskyGuy, 1 month ago

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Answered by Anonymous
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Answer:

प्रश्न

'गुरु का स्थान ईश्वर से भी बढक़र है' इस विषय पर अपना मत ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

\rule{300}{3}

उत्तर

⠀⠀⠀⠀⠀ईश्वर से बढक़र - गुरु

कहा जाता है कि ईश्वर से बढ़कर कोई है तो वह हैं गुरु। गुरु का स्थान सबसे उपर होता है। गुरु यह शब्द दो शब्दों से बना हुआ हैं – गु + रु | गु का अर्थ होता हैं – अंधकार (अज्ञान) और रु का अर्थ होता हैं – प्रकाश यानि ज्ञान ।

गुरु हमें ज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की तरफ लेकर जाता हैं । गुरु यह पुरे संसार का शक्तिशाली अंग होता हैं | हर किसी व्यक्ति को अलग – अलग चीजे सीखने के लिए विभिन्न गुण के गुरुओं की जरुरत होती हैं। जैसे की डॉक्टर बनाने के लिए डॉक्टर गुरु होना जरुरी हैं।

सिलाई सीखने के लिए सिलाई गुरु का होना आवश्यक हैं। तभी हम इन कलाओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। गुरु यह बहुत सीधा – साधा होता हैं | गुरु भले ही कैसे ही रहे लेकिन गुरु  गुरु होता हैं |

हर एक गुरु अपने शिष्यों के प्रति मन में कोई कपट नहीं रखता हैं | गुरु हर एक शिष्य को सफल बनाना चाहता हैं | गुरु शिष्यों को जीवन में बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।इसलिए गुरु को ईश्वर से बढ़कर दर्जा दिया गया है।

निष्कर्ष :

हर कसी के जीवन में गुरु का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए हर एक व्यक्ति को गुरु के महत्व को समझना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमेशा अपने गुरु से सीखते रहिए और कभी भी अपने आपको गुरु से श्रेष्ठ नही समझना चाहिए।

Answered by bhavya264130
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Answer:

गुरु का स्थान ईश्वर से भी बढक़र है' इस विषय पर अपना मत ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

\rule{300}{3}

⚘ उत्तर

⠀⠀⠀⠀⠀ईश्वर से बढक़र - गुरु

कहा जाता है कि ईश्वर से बढ़कर कोई है तो वह हैं गुरु। गुरु का स्थान सबसे उपर होता है। गुरु यह शब्द दो शब्दों से बना हुआ हैं – गु + रु | गु का अर्थ होता हैं – अंधकार (अज्ञान) और रु का अर्थ होता हैं – प्रकाश यानि ज्ञान ।

गुरु हमें ज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की तरफ लेकर जाता हैं । गुरु यह पुरे संसार का शक्तिशाली अंग होता हैं | हर किसी व्यक्ति को अलग – अलग चीजे सीखने के लिए विभिन्न गुण के गुरुओं की जरुरत होती हैं। जैसे की डॉक्टर बनाने के लिए डॉक्टर गुरु होना जरुरी हैं।

सिलाई सीखने के लिए सिलाई गुरु का होना आवश्यक हैं। तभी हम इन कलाओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। गुरु यह बहुत सीधा – साधा होता हैं | गुरु भले ही कैसे ही रहे लेकिन गुरु गुरु होता हैं |

हर एक गुरु अपने शिष्यों के प्रति मन में कोई कपट नहीं रखता हैं | गुरु हर एक शिष्य को सफल बनाना चाहता हैं | गुरु शिष्यों को जीवन में बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।इसलिए गुरु को ईश्वर से बढ़कर दर्जा दिया गया है।

निष्कर्ष :

हर कसी के जीवन में गुरु का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए हर एक व्यक्ति को गुरु के महत्व को समझना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमेशा अपने गुरु से सीखते रहिए और कभी भी अपने आपको गुरु से श्रेष्ठ नही समझना चाहिए।

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