Hindi, asked by ksingshekhawat26, 2 months ago

petrol ka badhta dam aur Aam Aadmi pe anuched​ lihye​

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Answered by kumariaarti1528
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देश में पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों से एक ओर जहां जनता का हाल बेहाल है तो दूसरी तरफ पेट्रोल कंपनियां और सरकार लगातार बढ़ रही कमाई में मस्त हैं। आज सरकार में बैठे नेता जो यूपीए राज में बढ़ते पेट्रोल के दामों पर सरकार को जी-भर के कोसते थे लेकिन अब उन्हें इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आता है।

संप्रग राज में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बढ़ रहे थे लेकिन अब यहां भी स्थिति उलट है। 2014 में कच्चे तेल की कीमत लगभग 100 डॉलर प्रति बैरल थी जो सितंबर 2017 में लगभग 50 डॉलर प्रति बैरल रह गई। उस दौर से तुलना की जाए तो देश में लगभग सभी जगह पेट्रोल के दाम बढ़े हैं।

Answered by stushradha
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Answer:

देश में पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों से एक ओर जहां जनता का हाल बेहाल है तो दूसरी तरफ पेट्रोल कंपनियां और सरकार लगातार बढ़ रही कमाई में मस्त हैं। आज सरकार में बैठे नेता जो यूपीए राज में बढ़ते पेट्रोल के दामों पर सरकार को जी-भर के कोसते थे लेकिन अब उन्हें इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आता है।

संप्रग राज में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बढ़ रहे थे लेकिन अब यहां भी स्थिति उलट है। 2014 में कच्चे तेल की कीमत लगभग 100 डॉलर प्रति बैरल थी जो सितंबर 2017 में लगभग 50 डॉलर प्रति बैरल रह गई। उस दौर से तुलना की जाए तो देश में लगभग सभी जगह पेट्रोल के दाम बढ़े हैं।

जब से सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम प्रतिदिन के आधार पर तय करने का फैसला किया है तभी से लोगों ने भी इस पर ध्यान देना बंद कर दिया। शुरुआती कुछ दिन जरूर दाम कम हुए पर उसके बाद तो यह बढ़ते ही चले गए। केंद्र सरकार के अलग कर, हर राज्य के अलग कर से तेल के इस खेल में आम आदमी उलझ कर रह गया और ठीक से विरोध भी नहीं कर पाया।

ग्लोबल पेट्रोल प्राइस डॉट कॉम के अनुसार, भारत के आसपास के सभी देशों में पेट्रोल के दाम यहां से काफी कम हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और श्रीलंका में तो यह लगभग 50 रुपए के आसपास ही मिल रहा है।

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