pita ke patra putri ke naam by jahrwal nehru in hindi
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जब इंदिरा गांधी दस साल की थीं, तब गर्मियों में वे मसूरी में रही थीं, जबकि उनके पिता जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद में व्यस्त थे। उस दौरान नेहरू जी ने उन्हें कई पत्र लिखे, जिनमें उन्होंने नन्हीं इंदिरा को बताया था कि पृथ्वी कब और कैसे बनी, इंसान और पशुओं का जीवन कैसे शुरु हुआ और दुनिया भर में सभ्यता और समाज कैसे अस्तित्व में आए।
1928 में लिखे ये पत्र आज भी उतने ही ताजगी भरे और जीवंत हैं। इनमें लोगों और कुदरत के प्रति नेहरू जी का प्रेम मुखर हो उठा है, जिनकी कहानी उन्हें किसी भी कहानी या उपन्यास से अधिक रोचक लगती थी।
‘मुझे मालूम है कि इन छोटे-छोटे ख़तों में बहुत थोड़ी सी बातें ही बतला सकता हूं लेकिन मुझे आशा है कि इन थोड़ी सी बातों को तुम शौक से पढ़ोगी और समझोगी कि दुनिया एक है और दूसरे लोग जो इसमें आबाद हैं, हमारे भाई-बहन हैं।’
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