Pita or putra ke beech ghar par samvad in Hindi language
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चन्दौसी लॉकडाउन किसी के लिए भी सही नहीं रहा। तुम लोगों के रोजगार बंद हो गए तो स्कूल कॉलेज भी बंद थे।
चन्दौसी: लॉकडाउन किसी के लिए भी सही नहीं रहा। तुम लोगों के रोजगार बंद हो गए तो स्कूल कॉलेज भी बंद थे। यह ऐसा समय था जब बच्चे के अलावा माता-पिता भी घर थे। ऐसे में पिता और पुत्र के बीच तमाम दिक्कतों को लेकर संवाद हुए तो पिता ने बच्चों के भविष्य के बारे में बात की।
कोरोना जैसे ही देश में आया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लगा दिया। ऐसे देश में पहली बार हुआ कि हर कोई अपने घर में बंद हो गया। कभी किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसे दिन भी देखने को मिलेंगे। स्कूल कॉलेज बंद हुए तो बच्चे भी घर में ही कैद हो गए। माता-पिता भी घर पर ही थे पिता को भी अपने बच्चों से संवाद करने का मौका मिल गया। इस बीच दोनों के बीच संवाद हुआ। पिता ने बच्चों के भविष्य के बारे में चर्चा की। छात्र ने बताया कि यह पहला मौका था जब पिताजी सुबह उठने के बाद भविष्य को लेकर बात करते थे। पढ़ाई को लेकर चर्चा होती थी। भविष्य में क्या पढ़ाई करनी है इस पर भी गहन चितन होता था। उन्होंने बताया कि भले ही लॉकडाउन के दौरान घर में कैद रहे, लेकिन इसका फायदा मिला। भविष्य को लेकर चर्चा हुई तो कोरोना से भी बचाव हुआ। अभी भी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ ऐसे में सावधानी सभी को बरतनी चाहिए।
चंद्र प्रिय
एमबीए, एबीएस नोएडा