PIz answer to the question
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Answer:
पेड़ के दस गुण निम्नलिखित है:-
1 )पेड़ हमें स्वच्छ वायु प्रदान करती है ।
2) पेड़ से हमें फल और सब्जियां मिलती है।
3) इसके पत्ते एवम छाल से दवाइयां बनाई जाती है।
4) यह हमें शुद्ध वातावरण प्रदान करती है।
5) पेड़ से हमें छाया मिलती है।
6) पेड़ पर कई जीव जंतु एवं पक्षियों का घर होता है।
7) पेड़ की शाखा में रस्सी लगाकर बच्चे झूला झूलते हैं।
8) पेड़ हमें बाढ़ की रोकथाम से बचाती है।
9) पेड़ अपनी जड़ की मदद से मिट्टी को बहने से रोकती है।
10) पेड़ से हमें लकड़ियां मिलती है ।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों में काली और सरयू नदी घाटी में बहुतायत में पाया जाने वाला च्यूरा अभी भी उपेक्षित है। जड़ से लेकर पत्तियों तक बहुउपयोगी इस वृक्ष को अभी तक सरकारी संरक्षण नहीं मिला है। प्रकृति में उगे हर वृक्ष की अपनी विशेषताएं होती हैं, काली और सरयू नदी घाटी में नाप और बेनाप भूमि पर पाया जाने वाला च्यूरा वृक्ष कई विशेषताओं को समेटे है। विशाल आकार के च्यूरा के फल, फूल, पत्ती, छाल, लकड़ी सभी उपयोगी हैं। सदियों से इनका उपयोग होता आया है।
Explanation:
मेहमान या अतिथि सामान्यत: सभी के घर आते हैं। इनसे हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए यह महाभारत के अनुशासन पर्व में बताया गया है।
महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार ------
१-जब भी कोई मेहमान घर आए तो उसकी ओर खुश होकर देखना चाहिए। ताकि हमारी मुस्कान से उसकी थकान का कुछ भार कम हो जाए।
२-जब मेहमान घर आए तो उसकी उचित सेवा करनी चाहिए। उसके लिए पानी, चाय, खाना आदि सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
३-मेहमान से कभी भी कड़वे शब्द नहीं बोलना चाहिए। ऐसी कोई बात नहीं करना चाहिए जिससे उसके मन को ठेस लगे।
४- मेहमान अमीर हो या गरीब उसका अपनी शक्ति के अनुसार उचित आदर-सत्कार करना चाहिए।
५-मेहमान जब आपके घर रुकता है तब उसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों में अतिथि को भगवान के बराबर माना गया है।
जब मेहमान जाने लगे तो कुछ दूर उनके साथ जाना चाहिए। जो लोग अतिथि के साथ इस प्रकार व्यवहार करते हैं उन्हें यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। मेहमान के साथ ये पांच काम करना पंचदक्षिण यत्र कहलाता