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.मलेरिया का कारण?
मलेरिया का कारण है मलेरिया परजीवी कीटाणु जो इतने छोटे होते है कि उन्हें सिर्फ माइकोस्कोप ही देखा जा सकता है। ये परजीवी मलेरिया से पीडित व्यक्ति के खून मे पाये जाते है। इनमें मुख्य है -
1. प्लाजमोडियम वाइवैक्स
2. प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम
मलेरिया के लक्षण
- अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,अधिक से अधिक रजाई कम्बल ओढना)।
- फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना।
- पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना।
निदान
रक्त की जाँच
- कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। अतः तुरन्त रक्त की जॉंच करवाना, सभांवित उपचार लेना तथा मलेरिया पाये जाने पर आमूल उपचार लेना आवश्यक है।
- बुखार होने पर क्लारोक्विन की गोलिया देने से पहले जांच के लिए खून लेना आवश्यक है। रक्त की जांच से ही यह पता चलता है कि बुखार मलेरिया है या नही। जांच के लिये कींटाणु रहित सुई को मरीज की अनामिका अंगुली मे थोडा से प्रवेश कराकर खून की एक दो बूंदे कांच की पट्टिका से स्लाइड बनाई जाती है। जांच की रिपोर्ट तुरन्त प्राप्त करें।
बचाव व रोकथाम
- घरो के अन्दर डी. डी .टी. जैसी कीटनाशकों का छिडकाव कराया जावे, जिससे मच्छरो का नष्ट किया जा सके।
- घरो में व आसपास गड्डो, नालियो, बेकार पडे खाली डिब्बो, पानी की टंकियो, गमलो, टायर टयूब मे पानी इकट़्ठा न होने दें।
- चूकि आमतौर पर यह मच्छर साफ पानी मे जल्दी पनपता है। इसलिए सप्ताह मे एक बार पानी से भरी टंकियो मटके, कूलर आदि खाली करके सुखा दे।
- टांके आदि पेयजल स्त्रोतो मे स्वास्थ्य कार्यकर्ता से टेमोफोस नामक दवाई समय समय पर डलवाते रहे।
- पानी के स्थायी स्त्रोतो मे मछलिया छुडवाने हेतु स्वा. कार्यकर्ता से सम्पर्क करे।
- जहां पानी एकत्रित होने से रोका नही जा सके वहां पानी पर मिटटी का तेल या जला हुआ तेल (मोबिल ऑयल ) छिडकें।
- खिडकियो, दरवाजो मे जालियां लगवा लें। मच्छर दानी इस्तेमाल करें या मच्छर निवारक क्रीम, सरसों का तेल आदि इस्तेमाल करे। be brainly
मलेरिया का कारण है मलेरिया परजीवी कीटाणु जो इतने छोटे होते है कि उन्हें सिर्फ माइकोस्कोप ही देखा जा सकता है। ये परजीवी मलेरिया से पीडित व्यक्ति के खून मे पाये जाते है। इनमें मुख्य है -
1. प्लाजमोडियम वाइवैक्स
2. प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम
मलेरिया के लक्षण
- अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,अधिक से अधिक रजाई कम्बल ओढना)।
- फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना।
- पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना।
निदान
रक्त की जाँच
- कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। अतः तुरन्त रक्त की जॉंच करवाना, सभांवित उपचार लेना तथा मलेरिया पाये जाने पर आमूल उपचार लेना आवश्यक है।
- बुखार होने पर क्लारोक्विन की गोलिया देने से पहले जांच के लिए खून लेना आवश्यक है। रक्त की जांच से ही यह पता चलता है कि बुखार मलेरिया है या नही। जांच के लिये कींटाणु रहित सुई को मरीज की अनामिका अंगुली मे थोडा से प्रवेश कराकर खून की एक दो बूंदे कांच की पट्टिका से स्लाइड बनाई जाती है। जांच की रिपोर्ट तुरन्त प्राप्त करें।
बचाव व रोकथाम
- घरो के अन्दर डी. डी .टी. जैसी कीटनाशकों का छिडकाव कराया जावे, जिससे मच्छरो का नष्ट किया जा सके।
- घरो में व आसपास गड्डो, नालियो, बेकार पडे खाली डिब्बो, पानी की टंकियो, गमलो, टायर टयूब मे पानी इकट़्ठा न होने दें।
- चूकि आमतौर पर यह मच्छर साफ पानी मे जल्दी पनपता है। इसलिए सप्ताह मे एक बार पानी से भरी टंकियो मटके, कूलर आदि खाली करके सुखा दे।
- टांके आदि पेयजल स्त्रोतो मे स्वास्थ्य कार्यकर्ता से टेमोफोस नामक दवाई समय समय पर डलवाते रहे।
- पानी के स्थायी स्त्रोतो मे मछलिया छुडवाने हेतु स्वा. कार्यकर्ता से सम्पर्क करे।
- जहां पानी एकत्रित होने से रोका नही जा सके वहां पानी पर मिटटी का तेल या जला हुआ तेल (मोबिल ऑयल ) छिडकें।
- खिडकियो, दरवाजो मे जालियां लगवा लें। मच्छर दानी इस्तेमाल करें या मच्छर निवारक क्रीम, सरसों का तेल आदि इस्तेमाल करे। be brainly
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