Hindi, asked by manishkr321242, 2 months ago

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Answered by karunagupta1511
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22 फरवरी सन् 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की तहसील बिन्दकी ग्राम सिजौली नामक स्थान पर जन्मे सोहनलाल द्विवेदी हिंदी काव्य-जगत की अमूल्य निधि थे। उन्होंने हिन्दी में एम॰ए॰ तथा संस्कृत का भी अध्ययन किया है। राष्ट्रीयता से संबन्धित कविताएँ लिखने वालो में इनका स्थान मूर्धन्य है। महात्मा गांधी पर इन्होंने कई भाव पूर्ण रचनाएँ लिखी है, जो हिन्दी जगत में अत्यन्त लोकप्रिय हुई हैं। इन्होंने गांधीवाद के भावतत्व को वाणी देने का सार्थक प्रयास किया है तथा अहिंसात्मक क्रान्ति के विद्रोह व सुधारवाद को अत्यन्त सरल सबल और सफल ढंग से काव्य बनाकर 'जन साहित्य' बनाने के लिए उसे मर्मस्पर्शी और मनोरम बना दिया है।

उनकी रचनाएँ ओजपूर्ण एवं राष्ट्रीयता की परिचायक हैं। गांधीवाद को अभिव्यक्ति देने के लिए इन्होंने युगावतार, गांधी, खादी गीत, गाँवों में किसान, दांडीयात्रा, त्रिपुरी कांग्रेस, बढ़ो अभय जय जय जय, राष्ट्रीय निशान आदि शीर्ष से लोकप्रिय रचनाओं का सृजन किया है। इसके अतिरिक्त आपने भारत देश, ध्वज, राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र नेताओं के विषय की उत्तम कोटि की कविताएँ लिखी है। इन्होंने कई प्रयाण गीत लिखे हैं, जो प्रासयुक्त होने के कारण सामूहिक रूप से गाए जाते हैं।

प्रमुख रचनाएँ : भैरवी, पूजागीत सेवाग्राम, प्रभाती, युगाधार, कुणाल, चेतना, बाँसुरी, तथा बच्चों के लिए दूधबतासा।

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Answered by sonakshiupadhyay0
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22 फरवरी सन् 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की तहसील बिन्दकी ग्राम सिजौली नामक स्थान पर जन्मे सोहनलाल द्विवेदी हिंदी काव्य-जगत की अमूल्य निधि थे। उन्होंने हिन्दी में एम॰ए॰ तथा संस्कृत का भी अध्ययन किया है। ... जहाँ तक मेरी स्मृति है, जिस कवि को राष्ट्रकवि के नाम से सर्वप्रथम अभिहित किया गया, वे सोहनलाल द्विवेदी थे।

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