please answer the question
Answers
Explanation:
अनुशासन [Discipline] -: किसी भी आदर्श विद्यार्थी का सबसे पहला और महत्वपूर्ण गुण होता हैं – अनुशासन. एक आदर्श विद्यार्थी अपने विद्यालय और घर के अनुशासन का पालन करता हैं और इसे हमेशा बनाये रखता हैं. इसी विद्यार्थी जीवन से तो संपूर्ण जीवन में अनुशासन की नींव तैयार होती हैं.
आज्ञाकारी [Obidient] -: एक आदर्श विद्यार्थी वहीँ होता हैं, जो अपने गुरुजनों, माता पिता और बड़ों की आज्ञा का पालन करता हो. परन्तु इसका ये मतलब कतई नहीं हैं कि वह आँख बंद करके सभी बातें मान ले, उसे सही गलत समझकर फिर उस आज्ञा का पालन करना चाहिए.
सहायता करना [Helpfull Nature] -: एक आदर्श विद्यार्थी में सहायता करने का गुण होना चाहिए. इस गुण को अपनाने के लिए किसी खास मौके या विशेष जगह की आवश्यकता नहीं हैं. इसके लिए उस विद्यार्थी में मात्र सहायता करने की भावना होना चाहिए. वह चाहे तो अपने सहपाठियों की कोई मदद कर सकता हैं या अपनी पुरानी किताबें किसी गरीब बच्चे को देकर उसकी पढाई में भी मदद कर सकता हैं.
ज्ञानार्जन को तत्पर [Thirst of Knowledge] -: एक आदर्श विद्यार्थी वह होता हैं, जो अपने शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले ज्ञान को ग्रहण करने में हमेशा तत्पर रहें. अच्छी पुस्तकें पढ़ना, समाचार पत्र पढ़ना, टेलीविज़न पर प्रसारित होने वाले ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को देखना, अपने विषयों से सम्बन्धी उसकी जो भी जिज्ञासाएं हो, उन्हें जानने के लिए प्रयास करना, आदि गुण आदर्श विद्यार्थी में होते हैं.
विषय को समझना [Understand the Subject] –: आदर्श विद्यार्थी को अपने विषयों को पढ़कर केवल अच्छे नंबरों से पास होने के लिए नहीं पढ़ना चाहिए, बल्कि उस विषय के प्रति अपनी समझ भी विकसित करना चाहिए. अर्थात् उसे केवल किताबी कीड़ा [Book Warm] नहीं बनना हैं.
खेलकूद में भाग लेना [Participate in Games] -: आदर्श विद्यार्थी होने का मतलब ये नहीं कि बच्चा बस पूरे समय पढ़ता ही रहें, उसे विद्यालय में आयोजित होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी भाग लेना चाहिए. विभिन्न खेलों में से जिस भी खेल में रूचि हो, विद्यार्थी को उसमें भाग लेकर अपनी शारीरिक क्षमताओं को भी बढ़ाना चाहिए. खेल कूद के महत्व पर लेख पढने के लिए यहाँ क्लिक करें|
परिश्रमी होना [Hard worker] -: एक आदर्श विद्यार्थी में परिश्रम करने का गुण होना चाहिए. अच्छे नंबरों से पास होने के लिए उन्हें पढाई में मेहनत करना चाहिए. अगर अपने विद्यार्थी जीवन में इन्होनें परिश्रम का महत्व जान लिया, तो फिर वे जीवन में कभी भी मेहनत से नहीं कतराएँगे और हमेशा परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त करेंगे. मेहनत के फल का महत्त्व यहाँ पढ़ें|
समय का पाबंद [Punctual] -: कहते हैं कि समय किसी के लिए नहीं रुकता, अतः आदर्श विद्यार्थी में समय के महत्व और इसकी पाबंदी का ध्यान रखना चाहिए. समय पर विद्यालय पहुँचना, समय पर अपनी पढाई करना, समय पर अपने सभी काम निपटाना, आदि की आदत इसी समय में पड़ती हैं तो जीवन भर कायम रहती हैं और साथ ही जीवन भर इसके लाभ भी प्राप्त होते हैं. समय का सदुपयोग पर लेख यहाँ पढ़ें|
सादा जीवन उच्च विचार [Simple Living High Thinking] -: आदर्श विद्यार्थी के इस गुण से तो हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भी अनजान थे. वाकया कुछ ऐसा हैं कि जब वे अपनी पढाई पूरी करने विदेश गये तो वहाँ के रहन – सहन और वेशभूषा आदि से बहुत प्रभावित हुए और पढाई के बजाय इस वेशभूषा को अपनाने और सीखने में बहुत सा समय व्यतीत करने लगे. जब इस बात का पता उनके एक ज्ञानी परिचित को लगा, तो उन्होंने गांधीजी को समझाया कि पहनावा चाहे जैसा हो, विचार उच्च होना चाहिए. तब इस बात को समझकर एक आदर्श विद्यार्थी की तरह उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में ‘सादा जीवन और उच्च विचार’ के सिद्धांत का पालन किया. महात्मा गाँधी के जीवन के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें|
धैर्य [Patience] -: जीवन में ऐसी कई परिस्थितियां आती हैं, जब हम अपनी संपूर्ण मेहनत लगा देते हैं, परन्तु हमें उसका फल नहीं मिलता और हम निराश हो जाते हैं और दोबारा प्रयास ही नहीं करते. यदि हमें अपने विद्यार्थी जीवन में ही धैर्य का पाठ पढ़ा दिया जाये और हम इसे अपने जीवन में पूर्णतया धारण कर लें तो आज नहीं तो कल हमे सफलता अवश्य मिलेगी. सब्र का फल मीठा होता है इस कहानी को यहाँ पढ़ें|
सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता [Participation in Social Activities] -: आदर्श विद्यार्थी होने के लिए बालकों में अपने समाज में होने वाली गतिविधियों के प्रति भी जागरूकता होनी चाहिए. समाज में क्या हो रहा हैं, इसका उत्थान कैसे किया जा सकता हैं और इसमें ये विद्यार्थी अपना योगदान किस प्रकार दे सकते हैं, इन सब बातों में भी उसे जागरूकता से योगदान करना चाहिए.
देशभक्तिपूर्ण [Patriotic] -: इस वर्ष [वर्ष 2016 में] हम स्वतंत्रता के 70वे वर्ष को मनाने जा रहे हैं, तो जाहिर सी बात हैं कि आज के समय के विद्यार्थियों को इस बात का ज्ञान नहीं हैं कि हमारे पूर्वजों ने इस आज़ादी को प्राप्त करने के लिए क्या क्या बर्दाश्त किया और कितनी कुर्बानियां दी हैं, अतः उन्हें इस बात का एहसास कराने की जिम्मेदारी उनके अभिभावकों [Parents] और गुरुओं की हैं, उनमें अपने देश के प्रति प्रेम जगाना और देश के प्रति जिम्मेदारी की समझ उत्पन्न कर सच्चा देशभक्त बनना भी, आदर्श विद्यार्थी का गुण हैं. स्वतंत्रता दिवस पर लेख, भाषण, शायरी यहाँ पढ़ें|