Please answer these questions from vardan poem by Rabindranath Tagore
प्रभो ! ववपवियों से ------------------ यह प्रार्थना है।
प्रश्न 1 कवव कौन - सी प्रार्थना लेकर ककसके द्वारा पर नह गए ?
प्रश्न 2 कवव तया वरदान चाहते हैं ? प्रश्न 3 कवव ईश्वर से कै सी मभक्षा नह ीं माूँगते हैं ?
प्रश्न 4 ककस पर वविय पाने की बात कवव कर रहे हैं ?
2 तेर सहायता -–----------------------- दर पर नह ीं आया।
प्रश्न 1 प्रस्तुत पींजततयों के रचनयता कौन हैं?
प्रश्न 2 कवव के भाग्य में तया - तया आया है?
प्रश्न 3 ईश्वर की सहायता न ममलने पर भी कवव ककस
प्रकार के वरदान की कामना करते हैं ?
वल सींकट – सागर -------------------- वरदान चाहता ह ूँ।
प्रश्न 1 इन पींजततयों में सींकट - सागर का तया अर्थ है?
प्रश्न 2 कवव ईश्वर से तया याचना नह ीं करना चाहते हैं?
प्रश्न 3 कवव के अन
ुसार सार दन
ु
नया उनका उपहास कब
Answers
वरदान - रवीन्द्रनाथ टैगोर
प्रभो ! ववपवियों से ------------------ यह प्रार्थना है।
प्रश्न 1 कवव कौन - सी प्रार्थना लेकर ककसके द्वारा पर नहीं गए ?
उत्तर: कवि करुणामय ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे जीवन की विपदाओं से दूर चाहे ना रखे पर इतनी शक्ति दे कि इन मुश्किलों पर विजय पा सके। दुखों में भी ईश्वर को न भूले,उसका विश्वास अटल रहे।
प्रश्न 2 कवव तया वरदान चाहते हैं ?
उत्तर: यह प्रार्थना लेकर मैं तेरे द्वार पर नहीं आया, विपतितयों से डर न जाऊं यही वरदान देना कि बस मै ओने दुखों पर विजय पा लूँ |
प्रश्न 3 कवव ईश्वर से कै सी मभक्षा नहीं माूँगते हैं ?
उत्तर: कवि का कहना है कि हे ईश्वर मैं यह नहीं कहता कि मुझ पर कोई विपदा न आए, मेरे जीवन में कोई दुख न आए बल्कि मैं यह चाहता हूँ कि मैं मुसीबत तथा दुखों से घबराऊँ नहीं,बल्कि आत्म-विश्वास के साथ निर्भीक होकर हर परिस्थितियों का सामना करने का साहस मुझ में आ जाए।
प्रश्न 4 ईश्वर की सहायता न ममलने पर भी कवव ककस प्रकार के वरदान की कामना करते हैं ?
उत्तर: विपरीत परिस्थितियों के समय सहायता के न मिलने पर कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष न हिले, वह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले उसकी हिम्मत कभी न टूटे|
प्रश्न 1 इन पंक्तियों में संकट-सागर का तया अर्थ है?
इन पंक्तियों में संकट-सागर का अर्थ है की मुझे संकट के समय में शक्ती प्रदान करना| मुझे बचा ले यह मांगे कभी तेरे दर पर नहीं आऊंगा |
Answer:
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