Hindi, asked by aartipankajsharma280, 9 months ago

please give an essay writing on shram ka mahatva in short please give only the only the Conclusion and who is watching must give me please give me the conclusion of essay writing on shram ka mahatva​

Answers

Answered by swati387
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Answer:

मनुष्य जीवन के विकास का मुख्य साधन श्रम ही होता हैं | जो मनुष्य अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा श्रम करता हैं, वो उन्नति के मार्ग पर जाता हैं |

जीवन में श्रम का बहुत महत्व होता हैं | जो मनुष्य कार्य करने के लिए तत्पर होता हैं उसे कोई भी कार्य कठिन नहीं होता हैं | मेहनत करने वाले मनुष्य को कोई कार्य कठिन नहीं होता हैं | वो मनुष्य हर एक कार्य बहुत मेहनत से करता हैं |

आज के दुनिया में मनुष्य इस श्रम के ताकद पर प्रकृति को बढ़ावा दे रहा हैं | जैसे की समुन्दर लाँघ लिया हैं और पहाड़ की दुर्गम चोटियां पर चढ़ रहा हैं |

श्रम करने से मनुष्य का मन प्रसन्न हो जाता हैं | श्रम करने से हर एक मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता हैं | मनुष्य श्रम करे या ना करे लेकिन श्रम करने वाला व्यक्ति हमेशा उन्नति के राह पर चलता हैं |

श्रम करने वाला मनुष्य अपने जीवन में आगे बढ़ता हैं | श्रम यह मनुष्य और देश के विकास के लिए बहुत जरुरी हैं | श्रम यह मानसिक हो या शारीरिक, लेकिन वहीँ श्रम हैं |

आज बहुत सारे महान नेताओं, समाज सुधारक, कवी, संत, वीर पुरुष, क्रिकेट खिलाडी इन सभी महान लोगों ने अपने श्रम के बल पर अपना नाम रौशन किया हैं |

आज श्रम का ही दूसरा नाम सफलता माना गया हैं | श्रम ही मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा आधार स्तंभ होता हैं | मनुष्य कठिन परिस्थिति से निकलकर ही सफलता हासिल करता हैं | अगर हम अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो श्रम करना आवश्यक हैं |

Explanation:

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Answered by tanmay16173
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Answer:

मनुष्य जीवन के विकास का मुख्य साधन श्रम ही होता हैं | जो मनुष्य अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा श्रम करता हैं, वो उन्नति के मार्ग पर जाता हैं |

जीवन में श्रम का बहुत महत्व होता हैं | जो मनुष्य कार्य करने के लिए तत्पर होता हैं उसे कोई भी कार्य कठिन नहीं होता हैं | मेहनत करने वाले मनुष्य को कोई कार्य कठिन नहीं होता हैं | वो मनुष्य हर एक कार्य बहुत मेहनत से करता हैं |

आज के दुनिया में मनुष्य इस श्रम के ताकद पर प्रकृति को बढ़ावा दे रहा हैं | जैसे की समुन्दर लाँघ लिया हैं और पहाड़ की दुर्गम चोटियां पर चढ़ रहा हैं |

श्रम करने से मनुष्य का मन प्रसन्न हो जाता हैं | श्रम करने से हर एक मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता हैं | मनुष्य श्रम करे या ना करे लेकिन श्रम करने वाला व्यक्ति हमेशा उन्नति के राह पर चलता हैं |

श्रम करने वाला मनुष्य अपने जीवन में आगे बढ़ता हैं | श्रम यह मनुष्य और देश के विकास के लिए बहुत जरुरी हैं | श्रम यह मानसिक हो या शारीरिक, लेकिन वहीँ श्रम हैं |

आज बहुत सारे महान नेताओं, समाज सुधारक, कवी, संत, वीर पुरुष, क्रिकेट खिलाडी इन सभी महान लोगों ने अपने श्रम के बल पर अपना नाम रौशन किया हैं |

आज श्रम का ही दूसरा नाम सफलता माना गया हैं | श्रम ही मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा आधार स्तंभ होता हैं | मनुष्य कठिन परिस्थिति से निकलकर ही सफलता हासिल करता हैं | अगर हम अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो श्रम करना आवश्यक हैं |

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