Please give me the summary of this full poem "chandra gehna se laut ti ber " paragraph wise
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kabi Chandra gehna unka gaon se laot rahe hai or oh khet me Beth jate hai or prakti ka sundar na jara dekhte hain or Chana me khet mein dekhte hain ki chana chota as Fulani Phil ka muretha bandh rakha hain or alsi hateli hain or oh apna hriday ka Dan usiko do Jo use chooyega or sarso hain sayani or nadi mein Jo patthar hain pani pee the hain or bagula dhyan nidra mein hain or chandi ka bars as good khanba bana hain suraj k kirno se
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कविता में गंगा किनारे के एक खेत का मनोहारी चित्रण किया गया है । कविता का सार इस प्रकार है :
खेतो में दूर दूर तक हरियाली फैली हुई है । सूर्य की किरणे छाई हुई है । तिनको में हरियाली की चमक है । धरती पर नीला आकाश झुका हुआ है । सारी धरती रोमांचित है । जौ और गेहूं में बालियाँ आई हुई है । अरहर और सन की सुंदर किंकनिया उग आई है ।
चारो और पिली सर्सो है । हवा में तैलीय गंध छा गयी है ।
रंग बिरंगे फूलो के बिच मटर की फसल खिली हुई है । उन पर विविध रंगो की तितलियाँ मंडरा रही है । आम के पेड़ो की डालियों पर सुनहरी मंजरियाँ आ गयी है ।
हरियाली मानो हँसमुख सी मनोरम सी है । सर्दी की धूप सुहानी है । वहाँ की कोमल शान्ति अपनी शोभा से जन मन को हर लेती है ।
★ AhseFurieux ★
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