Hindi, asked by bilintabenetbin, 9 months ago

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Answered by shishir303
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प्रश्न के साथ दिये गये पीडीएफ में दिये गये प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं...

प्रेम के धागे को तोड़ने का क्या अर्थ है?

►प्रेम की धागे तोड़ने से अर्थ आपसी विश्वास और लगाव को तोड़ने से है। प्रेम आपसी लगाव, स्नेह, आकर्षण और विश्वास का प्रतीक होता है और यदि यही आपसी विश्वास एक बार टूट जाए तो फिर से नहीं जुड़ पाता है।प्रेम धागे की तरह होता है, यदि ये धागा एक बार तोड़ दिया जाए उसे दोबारा नहीं जोड़ा जा सकता, उस में गांठ लगाई जा सकती है लेकिन उसमें पहले की बात ही नहीं आ पाती। उसी तरह प्रेम रूपी विश्वास यदि एक बार टूट जाए तो उसे पहले जैसी स्थिति में ला पाना संभव नहीं हो पाता।

दुख बांटने से क्या अर्थ स्पष्ट होता है?

►दुख बांटने से यह अर्थ स्पष्ट होता है कि लोग किसी के दुखों की बातें सुनकर प्रसन्न ही होते हैं, इसलिए उन्हें दुख बांटने से कोई फायदा नहीं।

चित्रकूट में कौन रम गए थे?

►चित्रकूट में भगवान राम रम गए थे। अयोध्या से वनवास के लिये जाते समय भगवान राम ने लक्ष्मण और सीता के साथ वनवास का कुछ समय चित्रकूट में बिताया था।

कवि समुद्र की बढ़ाई क्यों नहीं करना चाहते हैं?

►कवि समुद्र की बढ़ाई इसलिए नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि समुद्र का जल किसी काम का नहीं होता। कवि समुद्र के जल के अपेक्षा तालाब के जल की बढ़ाई करना चाहते हैं, क्योंकि तालाब का जल जीव-जंतुओं की प्यास बुझाने के काम आता, जबकि समुद्र का खारा जल किसी की प्यास नहीं बुझा पाता।

बिगड़ी बात का क्या आशय है?

►बिगड़ी बात से आशय मन में उपजे मतभेद और कड़वाहट से है। एक बार मन में कोई मतभेद या कड़वाहट उत्पन्न हो जाए तो बात बिगड़ जाती है, जो आसानी से नही बनती।

कवि ने छोटे और गरीब लोगों को किसके समान महत्व दिया है, और क्यों?

►कवि ने छोटे और गरीब लोगों को बड़ों के समान महत्व दिया है। कवि ने छोटे और गरीब लोगों को सुई के समान महत्व दिया है। कवि का कहना है कि सुई का काम तलवार नहीं कर सकती तलवार भले ही बड़े-बड़े लोगों को मार कर दे, लेकिन वो सुई का कार्य नहीं कर सकती। सुई भले ही आकार में कितनी भी छोटी हो लेकिन उसका अपना अलह ही उपयोग है। उसी तरह छोटे और गरीब लोग लोगों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। समय आने पर वह भी बेहद उपयोगी सिद्ध होते हैं। इसलिए हर व्यक्ति का अपना-अपना उपयोग है वह चाहे छोटा हो या बड़ा।

रहीम के अनुसार मनुष्य को दूसरों के गुणों से प्रसन्न होने पर क्या करना चाहिए?

► रहीम के अनुसार मनुष्य को दूसरों के गुणों से प्रसन्न होने पर उसका अनुसरण करना चाहिए और ईर्ष्या की भावना नही रखनी चाहिये।

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