Please help me with जागरण गीत कविता का भावार्थ. Please I need it fast. Please write the meaning of each stanza.
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श्री सोहनलाल द्विवेदी-विरचित कविता 'जागरण गीत' एक भाववर्द्धक और सन्देशवाहक कविता है। इसमें कवि ने यथार्थ जीवन जीने का सन्देश दिया है। इस कविता का सारांश इस प्रकार है कवि गहरी नींद में सोने वालों से कह रहा है कि वह गीत गाकर उसे जगाने के लिए आ रहा है।
वह अब नींद की गहराई से ऊपर निकालकर उसे आकर्षक उदयाचल की तरह उत्साह प्रदान करने का जागरण गीत गा रहा है। कवि गहरी नींद में सोने वाले को फटकारते हुआ का रहा है कि वह आज तक नींद में पड़े पड़े मीठी मीठी कल्पना का उड़ान। भरता रहा है , परिश्रम करने से कतराता रहा है।
लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाएगा क्योंकि वह आपने जागरण गीत से उसे यथार्थ जमीन पर ला देगा।
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