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लिए धन दौलत ही सर्वोपरि था। उसके सामने भावनाएँ मूल्यहीन थीं।
उत्तर – माधवदास ने अपने लिए संगमरमर की एक नयी कोठी बनवायी थी और उसके सामने बहुत सुहावना बगीचा भी लगवाया था। उसका रहन सहन रईसों जैसा था। उसके पास कई कोठियाँ, बगीचें और दास - दासियाँ थीं । वह चिड़िया से बात के क्रम में उसके लिए सोने का घर बनवाने तथा उसे मालामाल कर देने की बात भी करता है। इन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था।
पाठ में बताया गया है कि उसके जीवन में खालीपन था। वह चिड़िया से बात के क्रम में कहता है कि उसका महल सुना है और वहाँ कोई भी चहचहाता नहीं है। उसका चिड़िया को साथ रहने के लिए प्रलोभन देना और केवल अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए उसे पकड़ने का प्रयास करना यह दर्शाता है कि सारी संपन्नताओं के बावजूद भी वह सुखी नहीं था।
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