Hindi, asked by aliamehra386, 1 year ago

please read this poem nd answer these questions

प्रेम-दया का इष्ट लिए तू, सत्य-अहिंसा तेरा संयम, नयी चेतना, नयी स्फूर्ति-युत तुझमें चिर विकास का है क्रम। चिर नवीन तू, ज़रा-मरण से - मुक्त, सबल उद्दाम, मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम। एक हाथ में न्याय-पताका, ज्ञान-द्वीप दूसरे हाथ में, जग का रूप बदल दे हे माँ, कोटि-कोटि हम आज साथ में। गूँज उठे जय-हिंद नाद से - सकल नगर औ' ग्राम, मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।

1.kavi kise nivedan kar rhe hai ?
2.vikaas ke karm me kya neehit hai ?

Answers

Answered by MohdShuaib1
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1=kavi bhumi (earth) se nivedan kr rha hai.
2prem, daya, satya ahinsa, nayi chetna, nayi sfurti ye vikaas ke karm me nihit hai
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