please send me some hard word meanings of chapter do Bailon ki Katha class 9 NCERT
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दोनों बैलों (हीरा-मोती) का अपमान गया ने किया था। अपने घर ले जाकर गया ने उन्हें मोटी रस्सियों से बाँध दिया औऱ नांद में सूखा भूसा डाल दिया। अपने बैलों को उसने खली चुनी सब दिया । ऐसा उसने हीरा मोती को सबक़ सिखाने के उद्देश्य से किया था।
झूरी हीरा और मोती को कभी भी मारता न था क्योंकि वह बैलों से प्रेम करता था। बैल भी उसका संकेत पाते ही खुशी-खुशी काम में जुट जाते थे। इसके विपरीत गया ने चारे के नाम पर उन्हें सूखा भूसा दे दिया और हल में जोत दिया। दुखी बैलों ने जब अपने कदम न उठाए तो उसने दोनों की बेरहमी से पिटाई करनी शुरू कर दी। इस प्रकार झूरी और गया के व्यवहार में बहुत अंतर था।
गया ने क्रूरता और निदर्यतापूर्वक हीरा की नाक पर खूब डंडे बरसाए। यह देखकर मोती को क्रोध आ गया। इसी क्रोधावेश में वह हल लेकर भागा जिससे हल, रस्सी, जुआ, जोत सब टूट गए।
किसान का जीवन खेती पर आधारित होता है | खेती पशुओं के बिना असंभव है | पशु आदिकाल से ही मनुष्यों के साथी रहे हैं। मनुष्य ने कभी उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए पाला तो कभी आर्थिक लाभ के लिए। किसान-जीवन में किसान हल चलाने, बोझा ढोने, पानी खींचने तथा सवारी करने के लिए मनुष्य पशुओं का प्रयोग करता है। पशु भी अपने चारे के लिए मानव-जाति पर निर्भर रहते हैं। कहानी में झूरी अपने बैलों से प्यार करता है तथा उनके खाने पीने का ध्यान रखता है | हीरा-मोती भी झूरी से बहुत लगाव रखते हैं और हर समय काम करने के लिए तत्पर रहते हैं | अंत में वे हर मुसीबत पर विजय पाते हुए प्रेम न करने वाले गया के घर से भाग जाते हैं और लौटकर झूरी के पास आ जाते हैं।
कांजीहौस में उन लावारिस जानवरों को बंद किया जाता है जो दूसरों की फसलों को चर जाते हैं या अन्य तरीके से नुकसान पहुँचाते हैं। वहाँ बंद जानवरों के साथ अत्यंत ही क्रूर व्यवहार किया जाता है, जो संवेदनाशून्य होता है । उन्हें केवल पानी के सहारे जिंदा रखा जाता है और वह भी इतना ही दिया जाता है कि वे मरे नहीं। भोजन तो बस नाम मात्र का ही दिया जाता है और कभी-कभी नहीं भी दिया जाता है | यदि वे भागने का प्रयास करते हैं तो उन पर डंडे बरसाए जाते हैं। ऐसे कई जानवर जब एकत्र हो जाते हैं तो उन्हें नीलाम कर दिया जाता है।
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hey there what's your name