Hindi, asked by JagritiPandey2004, 2 months ago

please someone give me the example of Ras​

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Answered by Anonymous
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रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे 'रस' कहा जाता है।रस का सम्बन्ध 'सृ' धातु से माना गया है। जिसका अर्थ है - जो बहता है, अर्थात जो भाव रूप में हृदय में बहता है उसी को रस कहते है।

रस को 'काव्य की आत्मा' या 'प्राण तत्व' माना जाता है।

रस उत्पत्ति को सबसे पहले परिभाषित करने का श्रेय भरत मुनि को जाता है। उन्होंने अपने 'नाट्यशास्त्र' में आठ प्रकार के रसों का वर्णन किया है।भरतमुनि ने लिखा है- विभावानुभावव्यभिचारी- संयोगद्रसनिष्पत्ति अर्थात विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।

hope this helps you

thanks

take care

may God bless you and your family

Answered by deveshupadhyay277304
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Answer:

once upon a time you have spamed with me,so I can also

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