please tell me 10 examples of atishyokti alankar in hindilang.
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१) जब सीमा को तोड़कर, होते सीमाहीन।
अतिशयोक्ति तब जनमती, सुनिए दीन-अदीन।।
बढा-चढ़ाकर जब कहें, बातें सीमा तोड़।
अतिशयोक्ति तब जानिए, सारी शंका छोड।।
२) मैं तो राम विरह की मारी
मोरी मुंदरी हो गयी कँगना।
३) आगे नदिया पडी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार।
राणा ने सोचा इस पार, तब तक था चेतक उस पार।
४) मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार।
दुःख ने दुःख से बात की, बिन चिट्ठी बिन तार।।
५) परवल पाक, फाट हिय गोहूँ।
६) ऐसे बेहाल बेबाइन सों, पग कंटक-जल लगे पुनि जोये।
हाय! महादुख पायो सखा, तुम आये न इतै कितै दिन खोये।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करि के करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुओ नहिं, नैनन के जल सौं पग धोये।।
७) बूँद-बूँद मँह जानहू।
८) तेहि दुःख भये परास निपाते।
९) हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग।
लंका सारी जल गयी, गए निसाचर भाग।
अतिशयोक्ति तब जनमती, सुनिए दीन-अदीन।।
बढा-चढ़ाकर जब कहें, बातें सीमा तोड़।
अतिशयोक्ति तब जानिए, सारी शंका छोड।।
२) मैं तो राम विरह की मारी
मोरी मुंदरी हो गयी कँगना।
३) आगे नदिया पडी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार।
राणा ने सोचा इस पार, तब तक था चेतक उस पार।
४) मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार।
दुःख ने दुःख से बात की, बिन चिट्ठी बिन तार।।
५) परवल पाक, फाट हिय गोहूँ।
६) ऐसे बेहाल बेबाइन सों, पग कंटक-जल लगे पुनि जोये।
हाय! महादुख पायो सखा, तुम आये न इतै कितै दिन खोये।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करि के करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुओ नहिं, नैनन के जल सौं पग धोये।।
७) बूँद-बूँद मँह जानहू।
८) तेहि दुःख भये परास निपाते।
९) हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग।
लंका सारी जल गयी, गए निसाचर भाग।
547:
thankyou so mic
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12
it is on tooper sturdy better you search
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