Hindi, asked by amar259, 10 months ago

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Answered by dugukajal5
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Explanation:गृहकार्य

Answered by shailajavyas
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निर्मल छात्रावास  

डी -27 , अमोलपुरी,

नई  दिल्ली

दिनांक - 15/06/2019    

चि . रमेश  

         शुभाशीष  

                             कैसे हो ? इन दिनों तुम्हारा पत्र आया तो तुमने लिखा कि एक सहपाठी को मोटा कहने पर तुम्हारी उससे तकरार हो गई | बेटा, तुमने लिखा कि तुमने सच कहा था किन्तु केवल सच पर्याप्त नहीं होता हमें प्रिय अर्थात मधुर वाणी का भी प्रयोग करना चाहिए |  

               मधुर वचन औषधि के समान होते है | जो मीठी वाणी का उपयोग करता है उसका वास्तविक आनंद दोनों,बोलने तथा सुनने वाले उठा सकते है | मधुर वचन से कठिन से  कठिन कार्य भी सरल हो जाया करते है | कठोर अर्थात कड़वे बोल ,  सुनने वाले (श्रोता) के ह्रदय में तीर की भांति चुभकर उसे कष्ट पहुंचाते है |  

                     जिसकी वाणी मीठी होती है वह सबको अपनी और आकर्षित कर लेता है | मीठी वाणी श्रोता को शीतलता प्रदान करती है |अस्तु बेटा , सबसे मीठा बोला करो इसमें कुछ खर्च थोड़े ही करना है ? आशा करता हूँ कि तुम मेरी बातों पर ध्यान दोंगे और अपनी आदत सुधारोगे | पढ़ाई में मन लगाना | यहाँ सब ठीक है |

शेष शुभ  

तुम्हारा पिता  

किसनलाल  

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