Hindi, asked by archanachaudhary1002, 9 months ago

please write a hindi poem of rabindranath tagore​

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Answered by ritikbabu56
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This is the answer for this question.

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Answered by SujeetKaur
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Title

मन जहाँ डर से परे है

मन जहाँ डर से परे है

और सिर जहाँ ऊँचा है ;

ग्यान जहाँ मुक्त है ;

और जहाँ दुनिया को

संकीर्ण घरेलू दीवारों से

छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है ;

जहाँ शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं;

जहाँ थकी हुई प्रयासरत की बाहें

त्रुटि हीनता की तलाश में हैं ;

जहाँ कारण की सप्षट धारा है

जो सुनसान रेतीले मृत आदत के

वीराने में अपना रास्ता खो नहीं चुकी है ;

जहाँ मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में

तुम्हारे जरिए आगे चलता है

और आजादी के स्वर्ग में पहुँच जाता है

ओपिता

मेरे देश को जागृत बनाओ

I didn't understood hope you can understand.

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