Hindi, asked by princessalemina, 7 months ago

pls anyone help say an essay in hindi doordarshan ka badhta prabhav​

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Answered by Anonymous
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दूरदर्शन विज्ञान की अद्भुत देन है और महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है। दूरदर्शन यानी टेलीविज़न से पहले रेडियो का निर्माण हुआ था जो बड़ी उपलब्धि थी। लोगो को अद्भुत लगता था कि मिलो दूर से आवाज़ सुनाई दे रही है। जब टेलीविज़न का निर्माण हुआ, तब पहले  लोग हैरान हो गए, कि अब एक ऐसा संचार माध्यम आ गया है, जिसकी मदद से लोग सिर्फ सुनाई नहीं बल्कि दिखाई भी देंगे।  टेलीविज़न ने धीरे धीरे सभी के घरो में जगह बना ली। देखते ही देखते यह लोगो में एक चर्चित विषय बन गया और दूरदर्शन ने कहीं ना कहीं समाज और उसके सोच को बदल कर रख दिया, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। टेलीविज़न लोगो की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। टेलीविज़न के बैगर आज लोग अपने जिन्दगी की कल्पना नहीं कर सकते है। दूरदर्शन को अंग्रेजी में टेलीविज़न कहा जाता है।

भारत में टेलीविज़न की स्थापना  दरसल 1959 को हुयी।  लेकिन ज़्यादातर लोगो के पास तब टीवी नहीं हुआ करता था , जिसके लिए सालो का समय लगा। विज्ञान ने मनुष्य के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए एक अद्भुत और अविश्वसनीय संरचना टेलीविज़न का आविष्कार किया।  इसको जॉन बियर्ड ने आविष्कार किया जो अमरीकी वैज्ञानिक थे। बिना टेलीविज़न देखे मनुष्य एक दिन भी व्यतीत नहीं कर पाता है।

1976 में जब उपग्रह द्वारा टीवी प्रोग्राम को प्रसारित किया जाने लगा , तब दूरदर्शन प्रसारित केन्द्रो की संख्या अधिक हुयी। टेलीविज़न को हिंदी में दूरदर्शन कहा जाता है।  शुरुआत में दूरदर्शन सिर्फ एक राष्ट्रीय  नेटवर्क था लेकिन उसी के साथ मेट्रो चैनल  भी लोगो द्वारा देखे जाने लगे। दुनिया में उन्नत सैटेलाइट की वजह से टी वी चैनेलो की शुरुआत हुयी। धीरे – धीरे बहुत सारे टीवी चैनल ने भी लोगो के मन में जगह बना लिया।

हर वर्ग , हर युग के लोग दूरदर्शन को देखना पसंद करते है। दूरदर्शन के समक्ष पूरा परिवार  साथ बैठता है और हर कार्यक्रम का आनंद उठाता है।  पहले दूरदर्शन 1980 के वक़्त कुछ विशेष कार्यक्रमों को एक निर्धारित समय तक प्रसारित करते थे , लेकिन आज वक़्त बदल गया है , पूरे चौब्बिसो घंटे टीवी चैनल एक्टिव रहते है। दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत जैसे धार्मिक सीरियल देखने का चलन था।  सभी सह परिवार रविवार को एक साथ दूरदर्शन चैनल पर इन कार्यक्रमों का भरपूर आनंद उठाते थे।

टेलीविज़न में लोग  नृत्य , संगीत , सीरियल और विभिन्न प्रकार के फ्लिम देख सकते है। दैनिक जीवन में हर प्रकार के समाचार हम टेलीविज़न में आज प्राप्त कर सकते थे।  लेकिन पहले ऐसा नहीं था , खबरें निर्धारित समय में दूरदर्शन द्वारा प्रसारित की जाती थी। एक वक़्त था , जब दूरदर्शन और मेट्रो चैनल्स हुआ करते थे लेकिन आज हमारे पास देखने के लिए दो सौ से अधिक चैनल्स देखने के विकल्प है।  बच्चे अपने मनोरंजन के लिए अलग कार्टून चैनल देख सकते है , जिसमे ढेरो अनगिनत विकल्प है। अगर किसी को संगीत सुनना है तो आप कभी भी अपने पसंदीदा चैनल का चयन करके आनंद उठा सकते है।  कई लोकप्रिय और मनोरंजन वाले चैनल है जैसे स्टार प्लस , जी टीवी , सोनी और कलर्स टीवी इत्यादि। खबरों के लिए आज तक और रिपब्लिक भारत जैसे चैनल है , जो बेबाकी से खबरें हमारे पास पहुँचाते है।

मनुष्य अपने व्यस्त जीवन में मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाता है। आजकल के सम्पूर्ण व्यस्त भरे जीवन में मनुष्य की बोरियत और थकावट को दूर करने के लिए दूरदर्शन यानी टेलीविज़न से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है। मानसिक रूप से मनुष्य को खुश करने और हंसाने , मनोरंजन के लिए टेलीविज़न हमेशा तैयार रहता है। सोचिये अगर टेलीविज़न ना होता , तब हम दुनिया के कितनी ज़रूरी जानकारियों से वंचित रह जाते और जिन्दगी के परेशानियों में डूबे रहते। दूरदर्शन से आम आदमी और विद्यार्थी कई प्रकार की शिक्षा प्राप्त करते है। दूरदर्शन विज्ञान का एक अद्भुत और अनोखा उपहार है , जो उसने मनुष्य को दिया है। मनुष्य दूर की वस्तुओं को प्रत्यक्ष रूप से सामने टेलीविज़न के माध्यम से देख पाता है। व्यक्ति किसी राज्य और देश में कभी घुमा न हो , किसी विशेष हस्ती से मिला ना हो , लेकिन टेलीविज़न के माध्यम से सब कुछ साफ़ सामने देख , सुन और समझ पाता है।  दूसरे देशो और राज्यों में क्या हो रहा है , टीवी के द्वारा हम सब जान पाते है। टेलीविज़न के माध्यम से दूर घटी हुयी घटनाओ को आसानी से  देख और समझ पाते है।

दूरदर्शन को लोगो ने इतना प्यार दिया है और इस माध्यम के बिना लोग एक दिन नहीं गुजार पाते है। कह सकते है 1960  के पश्चात धीरे धीरे इसने समाज का दृष्टिकोण बदल कर रख  दिया है। आजकल के वक़्त में लोग केबल ऑपरेटर के ज़रिये विभिन्न चैनल का भरपूर आनंद उठा सकते है। शुरुआत में सिर्फ आमिर लोग ही डिश एंटीना के ज़रिये चैनल्स का भरपूर आनंद लिया करते थे , लेकिन वक़्त के साथ साथ सभी घरो में टीवी और चैनल्स दोनों ही उपलब्ध हो गए।  महिलाएँ सेरियल्स देखना बेहद पसंद करती है।  युवा वर्ग पर भी इसका असर पड़ा है।

कई प्रकार के रियलिटी शोज के माध्यम से युवको को वोट और एस एम एस करने के लिए उकसाया जाता है और इसकी वजह से जेब खर्च ज़्यादा हो जाता है। टीवी पर अधिक समय तक कार्यक्रम देखने के कारण , शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। एक जगह पर अनियमित टीवी देखने से वजन बढ़ जाता है। स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव लगातार टीवी देखने से हो सकता है। दूरदर्शन के अनेक बुरे प्रभाव भी है , जिसे सरकार को ध्यान देने की ज़रूरत है। सरकार , जनता और समाज को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

कुछ चैनल्स अश्लील गाने और ऐसे कार्यक्रम जो हिंसा को बढ़ावा दे इत्यादि प्रसारित करते है जो की बिलकुल गलत है , इससे युवा वर्ग  और समाज पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे कार्यक्रम  टीवी पर प्रसारित नहीं होने चाहिए।

अत्यधिक समय टीवी पर व्यतीत करने के कारण युवा वर्ग वीडियो गेम्स इत्यादि कार्यक्रम देखते है  जिसके कारण वह खेलकूद के लिए बाहर नहीं जाते और इससे उनके दैनिक पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ता है।

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Answered by arya5299
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In this essay you first introduced it the list its merits and then demerits and after that you should write your own opinion about it

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