Pls do this it your choice which one you want to do
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यदि मैं पक्षी होता तो खुले आकाश में विचरण करता, भूमंडल में विचरण करता, इच्छानुसार भोजन करता और वृक्षों की शाखाएं मेरी शय्या होती। मेरा जीवन स्वतंत्र और स्वच्छंद होता। ... यदि मैं पक्षी होता तो मैं देशों की सीमाओं से न बंधा होता
u r in holy mary international School I m also in same school
if ur please mark me brainless answer
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a) यदि मैं एक पक्षी होता
सच्चाई का जीवन बोरियत से भरा हुआ है। यह हमारी नसों में समा चुका है। हम केवल कल्पना के जरिए ही इससे छुटकारा पा सकते हैं। यह हमारी कल्पना ही है जो जीवन को सहनीय बनाती है। यह हमें खूबसूरती तथा रोमांच से भरी दुनिया में लेकर जाती है। जो हम असलीयत में प्राप्त नहीं कर पाते वह अपनी कल्पना से पा लेते हैं। कई बार मैं कल्पना करता हूँ कि काश मैं एक पक्षी होता।
यदि मैं एक पक्षी होता, तो मैं हरे-भरे पेड़ों के बीच रहता। मुझे घर की परेशानियों का सामना न करना पड़ता। मैं अपने पसंद के किसी भी पेड़ पर अपना घोंसला बनाता। मझे जीवन जीने के लिए होने वाले खर्चे की भी चिंता न होती। मैं किसी भी स्थान से मुफ्त में अपना खाना इकट्ठा करता। मुझे किसी भी इंसानी सिद्धांतों में बंध कर न रहना पड़ता।
यदि मैं एक पक्षी होता, तो मुझे पढ़ाई भी न करनी पड़ती। परीक्षाओं का डर भी मुझे न डराता। मुझे सुबह जल्दी उठ कर किताबों से भरा बस्ता लेकर स्कूल न जाना पड़ता। पैसे की चिंता भी मुझे न सताती। कमाने, खर्चने, जोड़ने आदि की चिंता भी मुझे न सताती। मुझे प्रकृति की गोद में रहने को मिलता।
यदि मैं एक पक्षी होता तो एक अलग दुनिया में रहता। मेरी दुनिया इंसानी जीवन की सभी बुराइयों से मुक्त होती। इस दुनिया में घोटाले तथा विश्वासघात भी न होते। किसी भी प्रकार का कोई प्रदूषण भी न होता। मैं साफ हवा में सांस लेता और ईश्वर के गुण गाता। मैं आकाश में ऊंचा उड़ पाता। उड़ते-उड़ते मैं नीचे देखता। मैं ऊँचे पर्वतों, हरे जंगलों तथा गहरे समुद्रों के नज़ारे देखता। किंतु यह दुःख की बात है कि कल्पना हमें इस जीवन की असली सच्चाई से दूर नहीं लेकर जा सकती l