Hindi, asked by khushigarg2474, 1 year ago

pls send hasya ras ki kavita

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Answered by Anonymous
10
I copied from Google....plzz don't mind...:)
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Answered by sachinpoolu
2

Answer:

hey mate here is ur answer

Explanation:

 

एक मित्र मिले, बोले, "लाला, तुम किस चक्की का खाते हो?

इस डेढ़ छटांक के राशन में भी तोंद बढ़ाए जाते हो।

क्या रक्खा माँस बढ़ाने में, मनहूस, अक्ल से काम करो।

संक्रान्ति-काल की बेला है, मर मिटो, जगत में नाम करो।"

हम बोले, "रहने दो लेक्चर, पुरुषों को मत बदनाम करो।

इस दौड़-धूप में क्या रक्खा, आराम करो, आराम करो।

आराम ज़िन्दगी की कुंजी, इससे न तपेदिक होती है।

आराम सुधा की एक बूंद, तन का दुबलापन खोती है।

आराम शब्द में 'राम' छिपा जो भव-बंधन को खोता है।

आराम शब्द का ज्ञाता तो, विरला ही योगी होता है।

इसलिए तुम्हें समझाता हूँ, मेरे अनुभव से काम करो।

ये जीवन, यौवन क्षणभंगुर, आराम करो, आराम करो।

pls mark as brainliest

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