pls write a karyalaya patra for me its very urgent
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अधोहस्ताक्षरकर्ता को यह कहने का निर्देश हुआ है कि प्रधानमंत्री को इस बात से दुख है कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा पत्र व्यवहार में अभी भी हिंदी का प्रयोग वांछित मात्रा में नहीं हो रहा है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठियों में हिंदी की उपेक्षा और भी शोध का विषय है। अन्य देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भारत के प्रतिनिधियों का अपनी राष्ट्रभाषा में ना बोल कर विदेशी भाषा का प्रयोग करना राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के प्रतिकूल है और हमारी आलोचना का कारण बनती है। इस विषय में अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों¸संगोष्ठियों में राष्ट्रभाषा हिंदी को उचित स्थान और महत्व देना चाहिए।
(ह0) श्रीमती अनुराधा मिश्र
सचिव¸मानव संसाधन
विकास मंत्रालय
भारत सरकार
प्रतिलिप सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित-
भारत सरकार के सभी मंत्रालयराज्यों के मुख्य सचिवप्रधानमंत्री कार्यालय (पत्र सं0 4145/ह/823/2017 दिनांक 18 दिसंबर 2017 के संदर्भ में) +
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठियों में हिंदी की उपेक्षा और भी शोध का विषय है। अन्य देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भारत के प्रतिनिधियों का अपनी राष्ट्रभाषा में ना बोल कर विदेशी भाषा का प्रयोग करना राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के प्रतिकूल है और हमारी आलोचना का कारण बनती है। इस विषय में अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों¸संगोष्ठियों में राष्ट्रभाषा हिंदी को उचित स्थान और महत्व देना चाहिए।
(ह0) श्रीमती अनुराधा मिश्र
सचिव¸मानव संसाधन
विकास मंत्रालय
भारत सरकार
प्रतिलिप सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित-
भारत सरकार के सभी मंत्रालयराज्यों के मुख्य सचिवप्रधानमंत्री कार्यालय (पत्र सं0 4145/ह/823/2017 दिनांक 18 दिसंबर 2017 के संदर्भ में) +
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