Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

plz answer fast it is urrgent​

Attachments:

Answers

Answered by diyasahni00
1

Answer:

कवि ने एक जाड़े की शाम के सुंदर दृश्य का वर्णन किया है। कभी कहता है कि इस शाम में पहाड़ एक बैठे हुए किसान जैसा लग रहा है, जिसके सिर पर पगड़ी बंधी है अर्थात पहाड़ के ऊपर बादल पहाड़ की पगड़ी का काम कर रहे हैं। पहाड़ के घुटनों के नीचे बहती नदी किसान के घुटनों के नीचे रखी चादर जैसी लग रही है।

Similar questions