Hindi, asked by princem70, 2 months ago

plz give me answer in 150 words Bharatya Kishan​

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Answered by sana0707
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hey good evening ❤️ here is your answer||

कृषक (किसान) को अन्नदाता कहा जाता है। हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन है। हम भोजन के बिना जीवित नही रह सकते हैं। इस भोजन को देने वाला किसान ही है।

किसान ही अपने खेतों में दिन रात मेहनत करता है। वह किसी पौधे के बीज से लेकर पूरे उस पौधे के बड़े होने तक का इंतजार करता है और उससे अन्न प्राप्त करके हमारी मूल आवश्यकता को पूर्ण करता है

हमारे जीवन में किसान का योगदान किसी ईश्वर से कम नहीं है।

किसान के लिए प्रस्तुत हैं 4 पंक्तियां

जिसके खेतों से उगता है, अन्न जीवनाधार।

जिसके त्याग तपस्या से हो जनगण का उद्घार ॥

जिसके श्रम से पलते हैं सब, बालक वृद्ध जवान ।

सबका वन्दनीय है जग में, निर्धन-नग्न-किसान ॥

भारत में कृषि का महत्त्व

खेती भारत का मुख्य उद्योग है। यहाँ की 80 प्रतिशत जनता खेती करती है। यह किसानों का देश है। यहाँ सभी उद्योग खेती पर ही निर्भर हैं।

खेती और किसान की दशा ही भारत की दशा है। पर यह खेद की बात है कि भारत में किसान की जैसी शोचनीय दशा है वैसी किसी और की नहीं। अँग्रेजी राज्य में किसानों और खेती के बारे में कभी सोचा ही नहीं गया, सोचने की उन्हें आवश्यकता भी नहीं थी।

15 अगस्त सन् 1947 को परतन्त्रता के काले बादलों को चीरता हुआ स्वतन्त्रता का सूर्य उदित हुआ, उसकी किरणों के प्रकाश में भारत के नेताओं ने भारत के किसानों को देखा और तब से निरन्तर भारत की सरकार किसान और खेत की उन्नति के लिए प्रयत्नशील है।

कृषक की वर्तमान स्थिति

आजतक किसानों के लिए हुआ क्या? एक लम्बा समय बीत जाने पर आज भी किसान की दशा सन्तोषजनक नहीं है। उसे भर-पेट अन्न और शरीर ढाँपने को पर्याप्त वस्त्र भी नहीं मिलता है। यह तो नहीं कहा जा सकता कि उसकी दशा में कुछ अन्तर नहीं हुआ किन्तु सुधार जितना होना चाहिए था, हुआ नही। सबका अन्नदाता किसान आज भी अन्न को तरसता है।

Answered by varshakathairiya
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Answer:

हमारा देश एक क्रषि प्रधान देश है और हमा रे देश की जनसंख्या क्रषि पर ही निर्भर है इसलिए हमारे देश मे किसानो को देवता माना जाता है

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