............Plz give me speech on महिला सशक्तिकरण in Hindi
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भारतीय समाज शुरू से ही पुरुष प्रधान रहा है। यहां महिलाओं को हमेशा से दूसरे दर्जे का माना जाता है। पहले महिलाओं के पास अपने मन से कुछ करने की सख्त मनाही थी। परिवार और समाज के लिए वे एक आश्रित से ज्यादा कुछ नहीं समझी जाती थीं। ऐसा माना जाता था कि उसे हर कदम पर पुरुष के सहारे की जरूरत पड़ेगी ही।
लेकिन अब महिला उत्थान को महत्व का विषय मानते हुए कई प्रयास किए जा रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में महिला सशक्तिकरण के कार्यों में तेजी भी आई है। इन्हीं प्रयासों के कारण महिलाएं खुद को अब दकियानूसी जंजीरों से मुक्त करने की हिम्मत करने लगी हैं। सरकार महिला उत्थान के लिए नई-नई योजनाएं बना रही हैं, कई एनजीओ भी महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं जिससे औरतें बिना किसी सहारे के हर चुनौती का सामना कर सकने के लिए तैयार हो सकती हैं..
I hope it's help you..
Hey mate!
Thank you for asking this question! ❤
Answer:
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माननीय प्रधानाचार्य, सभी अध्यापक, और भाई-बहनों और यहां मौजूद सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, मै…. आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं कि आपने आज मुझे इस कार्यक्रम में अपने विचार रखने का मौका दिया। मै इस मौके पर आज महिला सशक्तिकरण पर भाषण देना चाहती हूं।
महिला सशक्तिकरण से कुछ बोलने से पहले मै आपको महिला सशक्तिकरण का अर्थ समझाना चाहूंगी, दरअसल महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिला की क्षमता से होता है, जिसमें महिलाएं उतनी मजबूत और शक्तिशाली होती हैं, जिसमें वह अपनी जिंदगी से जुड़े निर्णय खुद ले सकती हैं अर्थात नारियों को अपने खुद के फैसले लेने और उनकी सोच को बदलना ही महिला सशक्तिकरण कहलाता है।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि भारत हमेशा से ही पुरुष प्रधान देश रहा है, यही वजह है कि महिलाओं को आज भी खुद को साबित करने के लिए और सशक्त बनने के लिए आज भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
हां लेकिन इतना जरूर है कि महिलाओं के संघर्ष में कुछ कमी आई है अर्थात महिलाओं की स्थिति में पहले से तो सुधार हो गया है, लेकिन फिर भी देश के आज ऐसे कई राज्य हैं, जहां महिलाओं को कोक में ही मार दिया गया है, यानि कि कन्या भ्रूण हत्या के मसले आजकल आम हो गए हैं।
हालांकि इसके लिए कई नियम-कानून भी बनाए गए हैं। वहीं महिलाओं के अधिकारों के लिए और उनको सशक्त बनाने के लिए आज न सिर्फ महिलाएं लड़ रही हैं, बल्कि हमारी सरकारें भी कई ऐसी योजनाएं बना रही हैं जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और उन्हें अपना अपना हक मिल सके और वे विकास कर सके।
वहीं महिलाएं देश की आधी आबादी और समाज की आधी शक्ति कही जाती हैं, अगर आज महिलाओं को भी पुरुषों की तरह तवज्जों दी जाए, उन्हें पुरुष के बराबर अधिकार दिए जाएं और उन्हें अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने का मौका मिले तो आज हमारा देश एक विकिसत देश बन जाएगा साथ ही देश के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, साथ ही हमारा देश विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बन जाएगा।
वहीं आज भी हमारे देश में महिलाओं की जिंदगी से जुड़े फैसले करने का अधिकार पुरुष ही लेते हैं, जैसे कि लड़की की शादी, पढ़ाई-लिखाई और जॉब से संबंधित कई फैसले परिवार में लड़की के पिता-भाई या फिर पति ही करते हैं।
आज भी महिला परिवारिक बंधन में बंधी हुईं हैं और पूरी तरह अपनी मर्जी से फैसले लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है।
क्योंकि घर के कामकाज और सभी जिम्मेदारियां सिर्फ महिलाओं को ही दी गई हैं, वहीं अगर पुरुष भी घर से जुडे़ कामकाज और अपनी जिम्मेदारियों को समझने में सहयोग करेंगे तो महिलाएं भी अपनी जीवन से जुड़े अहम निर्णय ले सकेंगी, इसके साथ ही आर्थिक रुप से सशक्त और मजबूत बन सकेंगी।
इसलिए महिलाओं के विकास में सभी भारतीय पुरुषों को समान रुप से सहयोग करना चाहिए और महिलाओं के महत्व को समझते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि महिलाएं स्वतंत्र रुप से आगे बढ़ सके और देश के विकास में अपना सहयोग कर सकें।
हालांकि, महिला सशक्तिकरण के लिए भारत में लैंगिग समानता लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमारे देश में कई तरह के कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन अभी भी कोई भी कानून इतना प्रभावशाली नहीं है, जिससे इस दिशा में पूरी तरह सुधार हो सके।
हालांकि, सिर्फ सरकार के नियम-कानून बनाने से या फिर योजनाएं बनाने से ही महिला सशक्तिकरण नहीं होगा, इसके लिए देश और समाज के हर पुरुष को अपनी सोच बदलने की जरूरत है, और महिलाओं को आगे बढ़ने में उनका सहयोग करने की जरूरत है।
वहीं जब तक देश के सभी पुरुष व्यक्तिगत रुप से महिलाओं को आगे बढ़ने में उनकी मद्द नहीं करेंगे तब तक महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा और तब तक देश में महिला सशक्तिकरण सही मायने में नहीं होगा, और न ही महलाओं को उनकी असली जगह मिल पाएगी,जिसकी वो असल मायने में हकदार है। आज महिला सशक्तिकरण विषय पर बस इतना ही, मै अपने इस भाषण पर मैं एक आखिरी पंक्ति के साथ विराम देना चाहूंगी –
सम्मान, प्रतिष्ठा और प्यार, यही हैं महिला सशक्तिकरण का आधार।
धन्यवाद।
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<Judge It Yourself...>
Hope it helps you! ヅ
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