plz say this answer.......
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प्रस्तुत कविता में कवि ने ईश्वर की महिमा एवं उसके द्वारा स्थापित जीवों और जानवर की सिथति का वर्ण न किया है कवि कहता है तो पृथ्वी की रचना की साथ ही साथ जल थल नभ में रहने वाले जीवों का वर्णन किया है ईशवर तेरे रुप अनेक हैं हर जीव में तो मौजूद हर जीव तेरा ही अंश तेरे चमत्कार को देख कर ऋषि एवं लोग सभी तेरी शक्ति के आगे सारे हुएं हैं ईश्वर तेरी महिमा तुम्हारी ही समझ सकता है कवि ईश्वर के प्रति कृतज्ञ हैं
plohia2013p4jdg4:
but whats the ras and sthayibhav?
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