plzz someone give me the summary of poem कर्मवीर in hindi... .
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abhi
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देख कर बाधा विविध बहु विघ्न घबराते नहीं रह भरोसे भाग्य के दुःख भोग पछताते नहीं काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहींभीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहींहो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले ।आज करना है जिसे करते उसे हैं आज हीसोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वहीमानते जो भी हैं सुनते हैं सदा सबकी कहीजो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं आज कल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहीं यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिएवे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए ।व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखरवे घने जंगल जहाँ रहता है तम आठों पहरगर्जते जल-राशि की उठती हुई ऊँची लहर आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लपटये कंपा सकती कभी जिसके कलेजे को नहीं भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं ।
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