Pm modi ko swachh bharat par letter
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माननीय प्रधानमंत्री जी,
सर, 'स्वच्छ भारत अभियान' का कमाल हमारे देश में साफ-साफ नज़र आ रहा है. इस अभियान के ज़रिये हमारे समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई है, ऐसा मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं और 'स्वच्छ भारत अभियान' का मैं हृदय से पूर्ण समर्थन करता हूं.
इसी के मद्देनज़र मैं आपको एक बहुत छोटी-सी जानकारी देना चाहता हूं. जैसा कि आप भी जानते होंगे कि दिल्ली का आनंद विहार और उससे लगे यूपी बॉर्डर पर एनसीआर के वैशाली और इंदिरापुरम इलाके, गाजीपुर में बने कूड़े के पहाड़ से काफी दूषित होते जा रहे हैं.
यकीन मानिए, गाज़ीपुर के ज़रिये यूपी बॉर्डर क्रॉस करते वक्त एनएच-24 पर इसके कारण इतनी बदबू होती है कि या हम अपने रूमाल से अपनी नाक ढक लेते हैं, या मजबूरन हमें अपनी कार के शीशे ऊपर चढ़ा लेने पड़ते हैं.
बताना चाहूंगा कि यदि इन इलाकों से इस कूड़े-कचरे के पहाड़ को ठिकाने लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए, तो जनसंख्या के बढ़ते घनत्व को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संबंधी दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
बहरहाल, इससे पीछा छूटने की मुझे कोई आस नज़र नहीं आ रही, सो, एक सलाह के साथ आपको यह खत लिख रहा हूं. हो सके तो मेरी इस सलाह को आप मेरा अनुरोध भी समझें.
सर, जानकारी के अनुसार एनएच-24 को चौड़ा किया जाना है और आपने ही इसे चौड़ा किए जाने का शिलान्यास भी किया था. साथ ही अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का काम भी ज़ोरों पर चल रहा है, जहां भराव के लिए मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसलिए मेरा मानना है कि क्यों न इसमें मिट्टी की जगह हम कूड़े के उस पहाड़ का इस्तेमाल करें. ऐसा करने पर मुझे यकीन है कि कूड़े का यह पूरा पहाड़ साफ हो जाएगा और हमें शुद्ध हवा भी नसीब हो पाएगी. आशा ही नहीं, अपितु विश्वास है कि मेरे इस सुझाव पर ध्यान देते हुए आप ज़रूर कोई न कोई कदम उठाएंगे.
भवदीय
xyz
MARK AS BRAINLIST
सर, 'स्वच्छ भारत अभियान' का कमाल हमारे देश में साफ-साफ नज़र आ रहा है. इस अभियान के ज़रिये हमारे समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई है, ऐसा मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं और 'स्वच्छ भारत अभियान' का मैं हृदय से पूर्ण समर्थन करता हूं.
इसी के मद्देनज़र मैं आपको एक बहुत छोटी-सी जानकारी देना चाहता हूं. जैसा कि आप भी जानते होंगे कि दिल्ली का आनंद विहार और उससे लगे यूपी बॉर्डर पर एनसीआर के वैशाली और इंदिरापुरम इलाके, गाजीपुर में बने कूड़े के पहाड़ से काफी दूषित होते जा रहे हैं.
यकीन मानिए, गाज़ीपुर के ज़रिये यूपी बॉर्डर क्रॉस करते वक्त एनएच-24 पर इसके कारण इतनी बदबू होती है कि या हम अपने रूमाल से अपनी नाक ढक लेते हैं, या मजबूरन हमें अपनी कार के शीशे ऊपर चढ़ा लेने पड़ते हैं.
बताना चाहूंगा कि यदि इन इलाकों से इस कूड़े-कचरे के पहाड़ को ठिकाने लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए, तो जनसंख्या के बढ़ते घनत्व को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संबंधी दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
बहरहाल, इससे पीछा छूटने की मुझे कोई आस नज़र नहीं आ रही, सो, एक सलाह के साथ आपको यह खत लिख रहा हूं. हो सके तो मेरी इस सलाह को आप मेरा अनुरोध भी समझें.
सर, जानकारी के अनुसार एनएच-24 को चौड़ा किया जाना है और आपने ही इसे चौड़ा किए जाने का शिलान्यास भी किया था. साथ ही अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का काम भी ज़ोरों पर चल रहा है, जहां भराव के लिए मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसलिए मेरा मानना है कि क्यों न इसमें मिट्टी की जगह हम कूड़े के उस पहाड़ का इस्तेमाल करें. ऐसा करने पर मुझे यकीन है कि कूड़े का यह पूरा पहाड़ साफ हो जाएगा और हमें शुद्ध हवा भी नसीब हो पाएगी. आशा ही नहीं, अपितु विश्वास है कि मेरे इस सुझाव पर ध्यान देते हुए आप ज़रूर कोई न कोई कदम उठाएंगे.
भवदीय
xyz
MARK AS BRAINLIST
amira93:
mark as brainlist plz
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