poem in hindi on jal hi jevan hai
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a poem in hindi .........................
अमृत की
एक बूँद से
अमरता मिल जाती हैस्वाति नक्षत्र
की एक बूँद से
सीप ,मोती बन जाती हैएक
औस की बूँद
कर देती है स्वच्छ सुमनएक ही
बूँद दे देती है नव जीवन
एक बूँद का नष्ट होकर भी
नही मिटता अस्तित्व
समाती है
बादल मे धुआँ बनकर
एक-एक बूँद मिलकर
बरसती है वर्षा बनकरफिर से वही क्रम दोहराना
आना और फिर नष्ट हो जानाभरती खुशियो से हर आँचल
धरा को देती हरियाला तलदेना ही जिसका स्वभाव
नही उस पर कोई प्रभावबस निष्काम भाव से होना समर्पित
परहित मे कर देना स्वयम को अर्पितयह वही बूँद है ,हर बन्धन को
तोडने की ,शक्ति है जिसमे
भले ही नन्ही सी है,पर नही
उस जैसा कोई महाननही समझते यह सब बाते
लोग अनजानकि बूँद से ही तो पलता है जीवन
और खिलता है मन
अमृत की
एक बूँद से
अमरता मिल जाती हैस्वाति नक्षत्र
की एक बूँद से
सीप ,मोती बन जाती हैएक
औस की बूँद
कर देती है स्वच्छ सुमनएक ही
बूँद दे देती है नव जीवन
एक बूँद का नष्ट होकर भी
नही मिटता अस्तित्व
समाती है
बादल मे धुआँ बनकर
एक-एक बूँद मिलकर
बरसती है वर्षा बनकरफिर से वही क्रम दोहराना
आना और फिर नष्ट हो जानाभरती खुशियो से हर आँचल
धरा को देती हरियाला तलदेना ही जिसका स्वभाव
नही उस पर कोई प्रभावबस निष्काम भाव से होना समर्पित
परहित मे कर देना स्वयम को अर्पितयह वही बूँद है ,हर बन्धन को
तोडने की ,शक्ति है जिसमे
भले ही नन्ही सी है,पर नही
उस जैसा कोई महाननही समझते यह सब बाते
लोग अनजानकि बूँद से ही तो पलता है जीवन
और खिलता है मन
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