Hindi, asked by shreyanair21, 7 months ago

poem in hindi on rain with author​

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Answered by stella984
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Answer:

वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।

उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।।

चपला भी चमक कर रोशनी बिखेर रहे है ।

गुड़-गुड़ कर के बादल भी गरज रहे है ।।

ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।

बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।।

मदमस्त मोर पीहू पीहू करके नाच रहा है ।

कोयल भी मस्त राग सुना रही है ।।

मेंढक भी प्यारे संगीत गा रहे है ।

बाज भी बादलों के ऊपर उड़ान भरकर इतरा रहा है ।।

कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।

मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।

बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।

सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।।

वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जला रही है ।

वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।।

– नरेंद्र वर्मा

Answered by ananya67413
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Answer:

बरखा रानी आओ तुम

अपना जल बरसाओ तुम |

गर्मी दूर भगाओ तुम

तन को सुख पहुँचाओ तुम |

बरखा रानी आओ तुम

धरती को नहलाओ तुम |

तपते वन हर्षाओ तुम

तपते खेत लहराओ तुम |

बागों को महकाओ तुम

बरखा रानी आओ तुम |

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