poem on i did not miss the school last two months because ........................... plz write in hindi .its my requst
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Poem on 'I do not miss the school in last two months...' in Hindi.
दो महीने की छुट्टियां या हो सकता है और बहुत कुछ,
निमग्न हुआ है यादों को बनाने में जो युगों तक अपने साथ रहे।
कई साल होगया है , सोने के समय में कहानिया सुनकर ,
और वो पल फिर एक बार आया है जीने को और हमारा मुस्कराहट का ध्वनि पहुंचा, छत तक।
नजर पड़ा है हमारा उस कोने में पड़े हुए सकेटच्बूकस पे,
कदम जा रहे है उनके तरफ धीमे धीमे , उसको फिर से छूने और हाथ में लेने।
इस बार, भाई भी अपने हाथों कोआर्सीलिक से भरके आया मेरे पास,
और एक अच्छी पेंटिंग आयी और बैत गयी है कैनवास पे, अपनी रास्ता ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
न है कोई होमवर्क, न कोई परिस्क्षा,
दिन और रात बीत रहे है अपने छोटे दिलों की आज्ञा का पालन करते करते।
कभी सोचा नहीं, अपनी पसंदगी जीवन जीने में इतना सुकून मिलता है,
कौन कहता है, ये सभी यादें स्कूल के दिनों को हरा नहीं सकते हैं? चल झूठा!
अरे, मैंने सीखा है कि कैसे बनाना है गोलू सा रोटियाँ ,
फिर भी, मैं चाय बनाने में अपने भाई को नहीं हरा पा रहा था।
बताना भूल गया, पिताजी ने मेरे नाम पर एक बिज़नेस पेज शुरू किया है,
वाह! मैं अब उन छोटे डूडलों को बेच सकता हूं और नाम भी कमा सकता हूं।
माँ कहती हैं, 'जिंदगी हमेशा सरप्राइज देती रहेगी',
वे विफलताओं या सफलता या प्रशंसा से भरी बाल्टी हो।
मेरे सिर पर हाथ फेरा और कहा "जो तुम्हारा दिल कहता है वही करो"
और कर रहा हूँ मैं वो ही, अब मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद ही नहीं आ रही है।
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For more poems in hindi on general topics, have a look at
brainly.in/question/2502080
brainly.in/question/915290
Explanation:
Program:
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<ul style="list-style-type:square;">
<li>Maharashtra</li>
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दो महीने की छुट्टियां या हो सकता है और बहुत कुछ,
निमग्न हुआ है यादों को बनाने में जो युगों तक अपने साथ रहे।
कई साल होगया है , सोने के समय में कहानिया सुनकर ,
और वो पल फिर एक बार आया है जीने को और हमारा मुस्कराहट का ध्वनि पहुंचा, छत तक।
नजर पड़ा है हमारा उस कोने में पड़े हुए सकेटच्बूकस पे,
कदम जा रहे है उनके तरफ धीमे धीमे , उसको फिर से छूने और हाथ में लेने।
इस बार, भाई भी अपने हाथों कोआर्सीलिक से भरके आया मेरे पास,
और एक अच्छी पेंटिंग आयी और बैत गयी है कैनवास पे, अपनी रास्ता ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
न है कोई होमवर्क, न कोई परिस्क्षा,
दिन और रात बीत रहे है अपने छोटे दिलों की आज्ञा का पालन करते करते।
कभी सोचा नहीं, अपनी पसंदगी जीवन जीने में इतना सुकून मिलता है,
कौन कहता है, ये सभी यादें स्कूल के दिनों को हरा नहीं सकते हैं? चल झूठा!
अरे, मैंने सीखा है कि कैसे बनाना है गोलू सा रोटियाँ ,
फिर भी, मैं चाय बनाने में अपने भाई को नहीं हरा पा रहा था।
बताना भूल गया, पिताजी ने मेरे नाम पर एक बिज़नेस पेज शुरू किया है,
वाह! मैं अब उन छोटे डूडलों को बेच सकता हूं और नाम भी कमा सकता हूं।
माँ कहती हैं, 'जिंदगी हमेशा सरप्राइज देती रहेगी',
वे विफलताओं या सफलता या प्रशंसा से भरी बाल्टी हो।
मेरे सिर पर हाथ फेरा और कहा "जो तुम्हारा दिल कहता है वही करो"
और कर रहा हूँ मैं वो ही, अब मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद ही नहीं आ रही है।
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